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29 Aug 2022 · 1 min read

ख़ुलूसो – अम्न के साए में काम करती हूँ

ख़ुलूसो – अम्न के साए में काम करती हूँ
सभी के दिल में उतर कर कलाम करती हूँ

मेरा वजूद ही तू है ये इक हक़ीक़त है
तेरे लिये ही दुआ सुब्हो-शाम करती हूँ

मैं तेरे साथ हूँ जैसे कि तेरी परछाईं
ये अपनी ज़िन्दगी मैं तेरे नाम करती हूँ

हमारा इश्क़ इबादत से है कहीं बढ़कर
मैं इस जुनून को दिल से सलाम करती हूँ

तेरी शिकायती फ़ितरत भी तेरी उल्फ़त है
मैं हँस के उसका सदा एहतराम करती हूँ

मुहर लगा ही दी है अपने प्यार की इस पर
मैं तेरे दिल को अब अपना क़याम करती हूँ

न हसरतों को कभी “अर्चना” दबाया है
न चाहतों को कभी बेलगाम करती हूँ

29-08-2022
डॉ अर्चना गुप्ता(686)

Language: Hindi
Tag: ग़ज़ल 3
4 Likes · 1 Comment · 72 Views

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