Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Nov 2022 · 1 min read

ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें – नज़्म

नज़्म 【 ख़ामुश हुई ख़्वाहिशें 】

बहुत दूर निकल आये हैं मुहब्बत के सफ़र में ।
ख़ुद को मिटाकर भी न पा सके हैं उनको ।।

भरोसा कर लिया था उन फ़रेबी नज़रों पर ।
जो देख रही थी हमारे जिस्म को हर घड़ी ।।
हम उतरना चाह रहे थे रूह में अंदर तक उनकी ।
उनकी आँखों में ख़्वाब की तरह सजना था हमें ।
उनके साथ हर सफ़र में बस चलना था हमें ।।
बहुत बेदर्दी से रूख़सत किया हमें दुनिया से ।
हमारी उम्मीदों को किया टुकड़े-टुकड़े उसने ।
हमारे अरमानों को किया टुकड़े-टुकड़े उसने ।।

बहुत दूर निकल आये हैं मुहब्बत के सफ़र में ।
ख़ुद को मिटाकर भी न पा सके हैं उनको ।।

एक जान एक रुह बनने की हसरत थी मेरी ।
कमबख़्त ने मेरी ही रुह को जिस्म से जुदा कर दिया ।।
अनगिनत टुकड़ों में बाँट दिया उसी जिस्म को जिसे ।
कभी पागलों की तरह चूमा करता था वो हर पल ।।
डोली में बैठकर सजना के आँगन जाना था मुझको ।
पीहर के संस्कारों से पिया के घर को महकाना था मुझको ।।
उफ़्फ़ ! कौन सुनेगा मेरी ख़ामुशी को अब वीराने में ।
सच्ची मुहब्बत का अंजाम ख़ुदा ऐसा न दिखाए किसी को ।।

बहुत दूर निकल आये हैं मुहब्बत के सफ़र में ।
ख़ुद को मिटाकर भी न पा सके हैं उनको ।।

©डॉक्टर वासिफ़ काज़ी , शायर -कवि
©काज़ीकीक़लम

28/3/2 , इकबाल कालोनी , इंदौर , मध्यप्रदेश

Language: Hindi
3 Likes · 96 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Meri Jung Talwar se nahin hai
Meri Jung Talwar se nahin hai
Ankita Patel
अपने
अपने
Shyam Sundar Subramanian
गज़ल सी कविता
गज़ल सी कविता
Kanchan Khanna
पूनम का चांद
पूनम का चांद
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
संबंधों के पुल के नीचे जब,
संबंधों के पुल के नीचे जब,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
मां जब मैं रोजगार पाऊंगा।
मां जब मैं रोजगार पाऊंगा।
Rj Anand Prajapati
दर्द
दर्द
Dr. Seema Varma
💐प्रेम कौतुक-348💐
💐प्रेम कौतुक-348💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
सब को प्रभु दो स्वस्थ तन ,सबको सुख का वास (कुंडलिया)
सब को प्रभु दो स्वस्थ तन ,सबको सुख का वास (कुंडलिया)
Ravi Prakash
ਸਾਡੀ ਪ੍ਰੇਮ ਕਹਾਣੀ
ਸਾਡੀ ਪ੍ਰੇਮ ਕਹਾਣੀ
Surinder blackpen
आस पड़ोस का सब जानता है..
आस पड़ोस का सब जानता है..
कवि दीपक बवेजा
जब कभी  मिलने आओगे
जब कभी मिलने आओगे
Dr Manju Saini
यह तेरा चेहरा हसीन
यह तेरा चेहरा हसीन
gurudeenverma198
कोई कैसे अपने ख्वाईशो को दफनाता
कोई कैसे अपने ख्वाईशो को दफनाता
'अशांत' शेखर
आत्मनिर्भरता
आत्मनिर्भरता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
कृपा करें त्रिपुरारी
कृपा करें त्रिपुरारी
Satish Srijan
एक प्रयास अपने लिए भी
एक प्रयास अपने लिए भी
Dr fauzia Naseem shad
गुनो सार जीवन का...
गुनो सार जीवन का...
डॉ.सीमा अग्रवाल
विद्रोही
विद्रोही
Shekhar Chandra Mitra
गुलदस्ता नहीं
गुलदस्ता नहीं
Mahendra Narayan
भौतिकवादी
भौतिकवादी
लक्ष्मी सिंह
टिकोरा
टिकोरा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
रूकतापुर...
रूकतापुर...
Shashi Dhar Kumar
मेरा तितलियों से डरना
मेरा तितलियों से डरना
ruby kumari
चुका न पाएगा कभी,
चुका न पाएगा कभी,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
■ शुभकामनाएं...
■ शुभकामनाएं...
*Author प्रणय प्रभात*
2253.
2253.
Dr.Khedu Bharti
चंदू और बकरी चाँदनी
चंदू और बकरी चाँदनी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"माँ की छवि"
Ekta chitrangini
THOUGHT
THOUGHT
Jyoti Khari
Loading...