ख़त आया तो यूँ लगता था,
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ख़त आया तो यूँ लगता था,
जैसे चल के तुम खुद आये हो
हर लफ़्ज़ में था वो तिलिस्म तेरा,
दिल में अभी तक तुम छाये हो
महावीर उत्तरांचली
ख़त आया तो यूँ लगता था,
जैसे चल के तुम खुद आये हो
हर लफ़्ज़ में था वो तिलिस्म तेरा,
दिल में अभी तक तुम छाये हो
महावीर उत्तरांचली