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29 Sep 2022 · 1 min read

कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम

कोई कह दे क्यों मजबूर हुए हम
एक दूजे से क्यों ऐसे दूर हुए हम
कोई कह दे क्यों……………..
जान बाकि है मगर जिंदगी नहीं
चाह जिंदगी की खो गई है कहीं
ना चाहकर भी क्यों दूर हुए हम
कोई कह दे क्यों………………
मिले भी न थे और हम यूँ बिछुड़े
खिले बिन गुल चमन जैसे उजड़े
पास आकर भी क्यों दूर हुए हम
कोई कह दे क्यों………………
हमारी खता है या तुम्हारी खता
कुसूर किसका नहीं हमको पता
‘विनोद’ क्यों ऐसे यूँ दूर हुए हम
कोई कह दे क्यों……………….

स्वरचित
( विनोद चौहान )

4 Likes · 101 Views
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