Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Feb 2017 · 1 min read

क्या है कोई राम

क्या है कोई राम ? ? ?
*****************

कितनी अहिल्या
जीती जागती
बनीं शिला
हुई भावशून्य !
उसी वजह से…
जो व्यापित सतयुग से
है अब तलक ! !

लिए लालुपता
धर आवरण
कितने ही इन्द्र
तोड़ें मर्यादा
करें खंडित विश्वास…
अहिल्या हो शापित
बने परिहास ! !

कभी पत्थराई
कभी लिए उम्मीद
अपने राम की राह तकें
जो पकड़ हाथ
चले साथ…
दे सम्मान
रखे गरिमा का मान !

क्या है कोई राम ?

Language: Hindi
Tag: कविता
225 Views

Books from Anju Gupta

You may also like:
अस्फुट सजलता
अस्फुट सजलता
Rashmi Sanjay
ఇదే నా తెలంగాణ!
ఇదే నా తెలంగాణ!
विजय कुमार 'विजय'
श्याम अपना मान तुझे,
श्याम अपना मान तुझे,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
उनकी मुहब्बत खास है
उनकी मुहब्बत खास है
Dr. Sunita Singh
स्वच्छ भारत (लघुकथा)
स्वच्छ भारत (लघुकथा)
Ravi Prakash
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
👸कोई हंस रहा, तो कोई रो रहा है💏
Arise DGRJ (Khaimsingh Saini)
हमें भी देख जिंदगी,पड़े हैं तेरी राहों में।
हमें भी देख जिंदगी,पड़े हैं तेरी राहों में।
Surinder blackpen
मानकके छडी (लोकमैथिली कविता)
मानकके छडी (लोकमैथिली कविता)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
■ काव्यमय उलाहना....
■ काव्यमय उलाहना....
*Author प्रणय प्रभात*
⭐⭐सादगी बहुत अच्छी लगी तुम्हारी⭐⭐
⭐⭐सादगी बहुत अच्छी लगी तुम्हारी⭐⭐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कहता नहीं मैं अच्छा हूँ
कहता नहीं मैं अच्छा हूँ
gurudeenverma198
गरिमामय प्रतिफल
गरिमामय प्रतिफल
Shyam Sundar Subramanian
हल्लाबोल
हल्लाबोल
Shekhar Chandra Mitra
बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में
बचे जो अरमां तुम्हारे दिल में
Ram Krishan Rastogi
कुंडलियाँ
कुंडलियाँ
प्रीतम श्रावस्तवी
कह दो ना उस मौत से अपने घर चली जाये,
कह दो ना उस मौत से अपने घर चली जाये,
Sarita Pandey
सुबह से ढूंढ़ना शुरू करता हूँ शाम तक मिलता है तो अगले दिन सवा
सुबह से ढूंढ़ना शुरू करता हूँ शाम तक मिलता है...
Dr Rajiv
जिये
जिये
विजय कुमार नामदेव
सुना है सपने सच होते हैं।
सुना है सपने सच होते हैं।
Shyam Pandey
🚩 वैराग्य
🚩 वैराग्य
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
जब चांद चमक रहा था मेरे घर के सामने
shabina. Naaz
सफ़र
सफ़र
Er.Navaneet R Shandily
हे जग जननी !
हे जग जननी !
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तुम को पाते हैं हम जिधर जाते हैं
तुम को पाते हैं हम जिधर जाते हैं
Dr fauzia Naseem shad
फितरत
फितरत
दशरथ रांकावत 'शक्ति'
आईना किसी को बुरा नहीं बताता है
आईना किसी को बुरा नहीं बताता है
कवि दीपक बवेजा
दुर्बल कायर का ही तो बाली आधा वल हर पाता है।
दुर्बल कायर का ही तो बाली आधा वल हर पाता...
umesh mehra
नाम में क्या रखा है
नाम में क्या रखा है
सूर्यकांत द्विवेदी
हिम्मत से हौसलों की, वो उड़ान बन गया।
हिम्मत से हौसलों की, वो उड़ान बन गया।
Manisha Manjari
पापा
पापा
Satish Srijan
Loading...