“कौन अपने कौन पराये”
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“कौन अपने कौन पराये”
किसी के कहने का इंतजार न करें,
कौन तुम्हे अपना समझता है ,
और कौन तुम्हे पराया।
यह दुनियाँ एक रंग मंच हैं साहब,
यहाँ तो कौन अपने कौन पराये
उनके व्यवहार से समझा जा सकता है
…….✍️ योगेन्द्र चतुर्वेदी