कुड़माई (कुंडलिया)
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/5280ebc4a622be6aee62ce6d56dfff81_2bc4a11fbe8603b678f07791b6ad9e09_600.jpg)
कुड़माई (कुंडलिया)
■■■■■■■■■■■■■■■■
कुड़माई का अर्थ है , सपने कई हजार
इसमें दिल से दिल मिले ,दिल का यह त्यौहार
दिल का यह त्यौहार ,जुड़ा जीवन का नाता
अब जिस से संबंध ,साथ उससे ही भाता
कहते रवि कविराय ,बसंती ऋतु ज्यों छाई
लग जाते हैं पंख , हुई जिनकी कुड़माई
“””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
रचयिता : रवि प्रकाश , बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””””””””
कुड़माई = सगाई , शादी से पूर्व की जाने वाली रस्म