कुछ शेर मुहोबत के नाम
कुछ शेर मुहोबत के नाम
१, क्या लुत्फ़ हो उस मौत का जिसे दुनिया देखे,
मुहोबत की राह में जो इस तरह कुर्बान हो गयाें।
२, नज़रें तुम्हें ढूंढती है .जुबां तुम्हारा नाम लेती है,
जब न कोई सहारा उसे मौत ढूंढने लगती हैें।
३, तुम ना रूठो की रूठ जाएँगी हमसे बहारें,
तुम पास होते तो हमें मौत का भी दर नहीं।
४, मुहोबत में कभी यह दिन भी जिंदगी में आये,
जिधर देखा नज़रों ने उधर पाया तुझेें।