Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 Sep 2018 · 1 min read

कुछ गङबङ है!!

कुछ गङबङ है!!

देख रही हूं कुछ गङबङ है
ये बेचैनी और ये हङबङ है!!

मौहब्बत नयी दिखे,है जालिम
बोली में भी तेरे खङखङ है!!

बदली से ये बादल टकराया
अब बिजली की कङकङ है!!

हरियाला सावन जम के बरसा
इश्किया पत्तों की खङखङ है!!

बुद बुद बुद क्यूं बतियाते हो
खुद से खुद की बङबङ है!!

पंगे नये नये, लिये है दिल से
दिल से दिल की तङतङ है!!

रेलगाङी में सफर करोगे बाबू
बिन पटरी के तो धङधङ है!!

बिना तान की बजी शहनाई
पुंगी बाजा सब जङवङ है!!

उङ गया पंछी सा दिल तेरा
अब पंखो की ये फङफङ है!!

प्यार किया तो डरना क्या है
प्यारे, प्यार हुआ तो गङबङ है!!
———– डा. निशा माथुर

Language: Hindi
1 Like · 889 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मनमाने तरीके से रिचार्ज के दाम बढ़ा देते हैं
मनमाने तरीके से रिचार्ज के दाम बढ़ा देते हैं
Sonam Puneet Dubey
2122 1212 22/112
2122 1212 22/112
SZUBAIR KHAN KHAN
हमारा संघर्ष
हमारा संघर्ष
पूर्वार्थ
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
चौदह साल वनवासी राम का,
चौदह साल वनवासी राम का,
Dr. Man Mohan Krishna
वेदनामृत
वेदनामृत
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
दुखता बहुत है, जब कोई छोड़ के जाता है
Kumar lalit
भरोसा खुद पर
भरोसा खुद पर
Mukesh Kumar Sonkar
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
सफल हस्ती
सफल हस्ती
Praveen Sain
ज़िंदगी नही॔ होती
ज़िंदगी नही॔ होती
Dr fauzia Naseem shad
,,,,,,
,,,,,,
शेखर सिंह
3276.*पूर्णिका*
3276.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुक्ति मिली सारंग से,
मुक्ति मिली सारंग से,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
क्यों हिंदू राष्ट्र
क्यों हिंदू राष्ट्र
Sanjay ' शून्य'
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
तेरी उल्फत के वो नज़ारे हमने भी बहुत देखें हैं,
manjula chauhan
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दहेज की जरूरत नहीं
दहेज की जरूरत नहीं
भरत कुमार सोलंकी
छठ परब।
छठ परब।
Acharya Rama Nand Mandal
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
सौंदर्य मां वसुधा की🙏
सौंदर्य मां वसुधा की🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सावन साजन और सजनी
सावन साजन और सजनी
Ram Krishan Rastogi
प्यारा हिन्दुस्तान
प्यारा हिन्दुस्तान
Dinesh Kumar Gangwar
#एक_सबक़-
#एक_सबक़-
*प्रणय प्रभात*
मां मेरे सिर पर झीना सा दुपट्टा दे दो ,
मां मेरे सिर पर झीना सा दुपट्टा दे दो ,
Manju sagar
“ आहाँ नीक, जग नीक”
“ आहाँ नीक, जग नीक”
DrLakshman Jha Parimal
बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
बिखरे खुद को, जब भी समेट कर रखा, खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
Manisha Manjari
Loading...