किसके हाथों में थामो गे जिंदगी अपनी

किसके हाथों में थामो गे जिंदगी अपनी
किसकी मांग में तेरे नाम का सिंदूर होगा
सूरतो के शहर में सीरतो की कद्र करेंगे
सावला हो भले वो दिल कोहिनूर होगा !
कवि दीपक सरल
किसके हाथों में थामो गे जिंदगी अपनी
किसकी मांग में तेरे नाम का सिंदूर होगा
सूरतो के शहर में सीरतो की कद्र करेंगे
सावला हो भले वो दिल कोहिनूर होगा !
कवि दीपक सरल