Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Sep 2016 · 1 min read

कितने रावण मारे

कितने रावण मारे अब तक
कितने कल संहारे
मन के भीतर के रावण को
क्‍या
अब तक मार सका रे
तेरी अंतर्रात्‍मा षड्-रिपु में
उलझी पड़ी हुई है
इसीलिए यह वसुंधरा
रावणों से भरी हुई है
नगर, शहर क्‍या गली मोहल्‍ले
रावण भरे पड़े हैं
है आतंक इन्‍हीं का चहुँदिश
कारण धरे पड़े हैं
क़़द बढ़ता ही जाता है
हर वर्ष रावणों का बस
राम और वानर सेना की
लंबाई अंगुल दस
बढ़ते शीश रावणों के
जनतंत्र त्रस्‍त विचलित है
भावि अनिष्‍ट विनाश देख
बल, बुद्धि, युक्ति कुंठित है
वो रावण था एक दशानन
हरसू यहाँँ दशानन
नहीं दृष्टि में आते
राम, विभीषण ना नारायण
क्‍या अवतार चमत्‍कारों की
करते रहें प्रतीक्षा
देती हैं रोजाना अब
हर नारी अग्नि परीक्षा
कन्‍या भ्रूण हत्‍या प्रताड़ना
नारी अत्‍याचार
रणचण्‍डी हुंकारेगी
लगते हैं अब आसार
धरे हाथ पर हाथ बैठ
नरपुंगव भीष्‍म बने हैंं
कहाँँ युधिष्ठिर धर्मराज अब
पत्‍थर भीम बने हैं
होता शक्तिहीन नर,
भूला बैठा है
वानर बल
कब गूँजेगा जन निनाद
कब उमड़ेंगे जनता दल
होंगे नरसंहार प्रकृति
सर्जेगी प्रलय प्रभंजन
या नारी की कोख जनेगी
नरसिंह अखिल निरंजन
ऐसा ना हो नर
षड्-रिपु से
निर्बल हो डर जाए
कल का फिर इतिहास
कहीं नारी के नाम न जाए।

Language: Hindi
430 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

बड़े बच्चों का नाम स्कूल में लिखवाना है
बड़े बच्चों का नाम स्कूल में लिखवाना है
gurudeenverma198
"फल की आस मत रखें"
Ajit Kumar "Karn"
परिवर्तन
परिवर्तन
Shally Vij
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
ग़रीबी भरे बाजार मे पुरुष को नंगा कर देती है
शेखर सिंह
वतन  परस्त  लोग थे, वतन को  जान दे गए  ,
वतन परस्त लोग थे, वतन को जान दे गए ,
Neelofar Khan
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगीतिका)
हरिगीतिका छंद विधान सउदाहरण ( श्रीगीतिका)
Subhash Singhai
गुरु पूर्णिमा
गुरु पूर्णिमा
Dr Archana Gupta
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
वो मेरे प्रेम में कमियाँ गिनते रहे
Neeraj Mishra " नीर "
"कुमार्य "
Shakuntla Agarwal
क्या से क्या हो गया?
क्या से क्या हो गया?
Rekha khichi
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
तुम पूछती हो
तुम पूछती हो
Jitendra kumar nagarwal
रामलला फिर आएंगे
रामलला फिर आएंगे
इंजी. संजय श्रीवास्तव
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Shweta Soni
यूं तो हमेशा से ही
यूं तो हमेशा से ही
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
* पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता*
* पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता*
पूर्वार्थ
अनारकली भी मिले और तख़्त भी,
अनारकली भी मिले और तख़्त भी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सितारे तो हम सबके अपने होते हैं।
सितारे तो हम सबके अपने होते हैं।
Neeraj Kumar Agarwal
सिक्कम के मौसम की रवानी
सिक्कम के मौसम की रवानी
ललकार भारद्वाज
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
क्यों खफा है वो मुझसे क्यों भला नाराज़ हैं
VINOD CHAUHAN
प्यारा मित्र
प्यारा मित्र
Rambali Mishra
🙅आम सूचना🙅
🙅आम सूचना🙅
*प्रणय प्रभात*
पानी की खातिर
पानी की खातिर
Dr. Kishan tandon kranti
It's just you
It's just you
Chaahat
गुरु की महिमा
गुरु की महिमा
Anamika Tiwari 'annpurna '
कर्म यदि अच्छे हैं तो डरना नहीं
कर्म यदि अच्छे हैं तो डरना नहीं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
सर्राफा- हड़ताल वर्ष 2016
सर्राफा- हड़ताल वर्ष 2016
Ravi Prakash
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
जिंदगी का पहिया बिल्कुल सही घूमता है
shabina. Naaz
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
राजेश 'ललित'
Loading...