Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Feb 2023 · 1 min read

कविता-शिश्कियाँ बेचैनियां अब सही जाती नहीं

शिश्कियाँ,बेचैनियां,अब सही जातीं नहीं..
काली सी दुनिया ,मन भी हैं काले
काली सी रातें ये काले से सपने,
धुंवा सा है फैला क्या पूरे शहर में।
चुन लाओ कोई
वो प्यारे से नग्मे,
वो सोने की चिड़िया
वो सुनहरा सवेरा..
लौट आओ फिर से
तुम अपने जहाँ में,
पुकारे तुम्हे
ये गुलिशता तुम्हारा
कहाँ खो गया,हिन्दोस्तां हमारा ।

अब नहीं तो कब करोगे
डर रहे,कब तक डरोगे
देखते ही देखते,
सबकुछ ख़त्म हो जायेगा
अब संभल भी, जा तू बन्दे
जीते जी मर जायेगा
शिश्कियां,बेचैनियां
अब सही जाती नहीं,
गुस्ताखियां,बर्बादियां
अब सही जाती नहीं

हम फिर से जगमग चाँद बने
फिर रोशन नया सवेरा हो,
आशाओं और उम्मीदों का
फिर से यहाँ बसेरा हो..

Language: Hindi
18 Views
You may also like:
ज़िंदगी देख मेरे हाथों में
ज़िंदगी देख मेरे हाथों में
Dr fauzia Naseem shad
💐अज्ञात के प्रति-82💐
💐अज्ञात के प्रति-82💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
चांद जैसे बादलों में छुपता है तुम भी वैसे ही गुम हो
चांद जैसे बादलों में छुपता है तुम भी वैसे ही...
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
एक दिन !
एक दिन !
Ranjana Verma
क्यों सोचता हूँ मैं इतना
क्यों सोचता हूँ मैं इतना
gurudeenverma198
मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
Rajesh Kumar Arjun
तीर तुक्के
तीर तुक्के
सूर्यकांत द्विवेदी
आया क़िसमिस का त्यौहार
आया क़िसमिस का त्यौहार
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
फितरत
फितरत
दशरथ रांकावत 'शक्ति'
नस-नस में रस पूरता, आया फागुन मास।
नस-नस में रस पूरता, आया फागुन मास।
डॉ.सीमा अग्रवाल
दोहा-
दोहा-
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
नजरअंदाज करना तो उनकी फितरत थी----
नजरअंदाज करना तो उनकी फितरत थी----
सुनील कुमार
इक झटका सा लगा आज,
इक झटका सा लगा आज,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
बात
बात
Shyam Sundar Subramanian
भारतीय संस्कृति
भारतीय संस्कृति
Shekhar Chandra Mitra
कभी जो रास्ते तलाशते थे घर की तरफ आने को, अब वही राहें घर से
कभी जो रास्ते तलाशते थे घर की तरफ आने को,...
Manisha Manjari
मेरी बातों का असर यार हल्का पड़ा उस पर
मेरी बातों का असर यार हल्का पड़ा उस पर
कवि दीपक बवेजा
अब ना जीना किश्तों में।
अब ना जीना किश्तों में।
Taj Mohammad
*जो उत्तम स्वास्थ्य धारी है 【 मुक्तक 】*
*जो उत्तम स्वास्थ्य धारी है 【 मुक्तक 】*
Ravi Prakash
■ राजनैतिक समीक्षा
■ राजनैतिक समीक्षा
*Author प्रणय प्रभात*
“प्रतिक्रिया, समालोचना आ टिप्पणी “
“प्रतिक्रिया, समालोचना आ टिप्पणी “
DrLakshman Jha Parimal
हिंदी दोहा- बचपन
हिंदी दोहा- बचपन
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"नजरिया"
Dr. Kishan tandon kranti
"नवसंवत्सर सबको शुभ हो..!"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
और प्रतीक्षा सही न जाये
और प्रतीक्षा सही न जाये
पंकज पाण्डेय सावर्ण्य
दिल चेहरा आईना
दिल चेहरा आईना
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
डॉ अरुण कुमार शास्त्री -
DR ARUN KUMAR SHASTRI
विश्वास मिला जब जीवन से
विश्वास मिला जब जीवन से
Taran Singh Verma
आखिर कौन हो तुम?
आखिर कौन हो तुम?
Satish Srijan
बहुत वो साफ सुधरी ड्रेस में स्कूल आती थी।
बहुत वो साफ सुधरी ड्रेस में स्कूल आती थी।
विजय कुमार नामदेव
Loading...