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4 Feb 2017 · 1 min read

कल कोई और आयेगा

गुजर जायेगा वकत
और इतिहास बन जायेगा
आज हम लिख रहें हैं यहां
कल कोई और लिखने आयेगा……

लेख्नी हो ऐसी कि
कुछ मूकाम बन जायेगा
आज मैने सम्झाया है
कल वो आने वाला भी समझा जायेगा…….

लिखने में बडा जोश हो
जो सम्झ में आ ही जायेगा
मैने की थी पूरी कोशिश
ना मालूम किस किस की सम्झ में आयेगा…..

कवि अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
Tag: कविता
157 Views

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