Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2022 · 12 min read

करुणा

करुणा –

फोर्टिस के सामने एक दंपति अपने छोटे से बच्चे को राममसनोहर लोहिया अस्पताल गया वहां के डॉक्टरो ने उस बच्चे की गहन जांच की और बताया कि बच्चे के हार्ट वाल में जन्म से ही प्रबल्म है जिसका इलाज बहुत महंगा और जटिल है ।

डॉक्टरों ने दोनों हाथ खड़े कर दिए प्यारी और परेश मूलत हरियाणा के बहुत साधारण परिवार के रहने वाले थे आमदनी का कोई खास जरिया नही था किसी तरह से काम चल जाता शादी के बहुत दिनों बाद बच्चा पैदा भी हुआ तो रोगी और अविकसित प्यारी और परेश राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सामने बैठ कर अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहे थे ।

ठीक उसी समय डॉ सुमन लता अपनी कार से राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मुख्य द्वार से प्रवेश करते हुए हॉस्पिटल में जाना चाहा ठीक उसी समय प्यारी एव परेश की हृदय विदारक रुदन विलाप कि आवाज़ उसके कानो में पड़ी।

वैसे तो उसके लिये बहुत सामान्य सी बात थीं उसके लिए क्या किसी भी डॉक्टर के लिए यह बहुत सामान्य सी बात हैं क्योंकि उसके पास बीमार शरीर आशाओं को लेकर उसके परिजन विश्वास के साथ आते ही रहते है जिसके कारण उनके जीवन मे दर्द पीड़ा रोना आम बात हो जाती है जो बहुत प्रभाव नही डालती है हर डॉक्टर बीमार शरीर की चिकित्सा करता है जिससे उसका कोई रिश्ता नही होता वह हर बीमार के स्वस्थ होने के लिए अपनी हर जानकारी हुनर का प्रयोग करता है डॉक्टर्स वेदना संवेदना विहीन सिर्फ बीमार शरीर को स्वस्थ करने का प्रायास करता है जो बीमार शरीर के परिजन के दुःख पीड़ा के शमन वृद्धि का कारण होता है।

मगर जाने क्यो डॉ सुमन लता को प्यारी और परेश के क्रंदन रुदन ने उनकी संवेदनाओं को झकझोर दिया डॉ लता ने किनारे कार रोका और चीखते चिल्लाते दंपती के पास गई और उनके गोद मे बच्चे को देखा और समझ गयी कि अस्पताल के सामने चीखते विलखते दंपती का कारण उनका बच्चा ही है सम्भवतः जिसके बचने की आशा को डॉक्टर द्वारा नकार दिया गया है ।

डॉ लता दंपति को कुछ देर बैठने के लिए बोल कर अस्पताल के अंदर चली गयी और जिस किसी काम के लिये आयी थी उंसे भूल कर सीधे राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा सुपरिंटेंडेंट के पास गई जो उन्हें भली भांति जानते थे उन्होंने अस्पताल के गेट पर विलाप करते दंपति के विषय मे बताया और उनके बच्चे को अपनी जोखिम पर भर्ती करने के लिए निवेदन किया अमूमन प्रशासनिक व्यवस्थाओं के कारण सम्भव नही होता।

जबकि मेडिकल साइंस का मूल सिंद्धान्त है कि यदि सड़क पर कोई बीमार दिख जाय तो डॉक्टर का नैतिक कर्तव्य है कि वह उस बीमार का इलाज करे चाहे वह किसी धर्म जाती सम्प्रदाय का हो।

डॉक्टर को भगवान कहते है क्योंकि भगवान किसी को भी कुछ भी बना सकता है बिगाड़ सकता है यह अधिकार इंसानों में कुछ ही लोंगो के पास होता है जिसमे डॉक्टर एक है जो अपने प्रायास से टूटती सांसों को जोड़ सकता है और गिरते विश्वास को कायम कर जीवन को मुस्कान दे सकता है ।

मगर वर्तमान परिदृश्य में ये वास्तविकताएं मात्र सैद्धांतिक बन कर रह गयी है जिसे धन्वंतरि जयंती या मेडिकल कॉन्फ्रेंस में याद किया जाता है वास्तविकता में मेडीकल साइंस का जितना व्यवसायीकरण हुआ है शायद कोई दूसरा फिल्ड हो कारण यह एक ऐसा फील्ड है जो आम से खास जन आवश्यकताओ अस्तित्व का मूल है लेकिन डॉ सुमन लता के मन मे पता नही क्यो रोते विलखते दंपति के गोद मे बच्चे को देख करुण का सागर उफान मारने लगा था।

नारी मन कोमल और कठोर दोनों ही होता है यदि एहसास ने नारी की संवेदना को झकझोर दिया तो वह दुर्गा काली तो माँ यशोदा भी हो सकती है डॉ लता के नारी मन मे माँ की पीड़ा वात्सल्य की वेदना ने झकझोर कर रख दिया था ।

राम मनोहर लोहिया के सी एम एस ने डॉ लता की बात मानने से इनकार कर दिया लेकिन डॉ लता तो जैसे कसम खा रखी थी किसी कीमत पर रोते विलखते दंपति के बच्चे के लिये कुछ न कुछ अवश्य करेगी फोर्टिस का व्यय दम्पति उठा सकने में वह सक्षम नही था अतः उसने हिम्मत नही हारी
सी एम एस डॉ केवल कुमार हरिहरन ने कहा कि मैडम आप राम मनोहर लोहिया की पूर्व डाक्टर है मैं जनता भी हूँ मगर प्रशासनिक एव संवैधानिक बाध्यता है मेरी आपके बिना पर पूरा राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय कोई निर्णय ले सकता है ।

यदि आप दुखी दम्पति की मदद करना चाहती है तो आप राम मनोहर लोहिया के किसी चिकित्सक की चिकित्सा में दम्पति के बच्चे को एडमिट करा दे और आप स्वंय अपनी चिकित्सा करे इतना ही संम्भवः हो सकता है ।

डॉ सुमन लता फौरन पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट के अपने मित्र डॉक्टर कस्तूरी रँगन से परिस्थितियों का हवाला देते हुये उंसे सी एम एस केवल कुमार हरिहरन से बात करने का अनुरोध किया जिसे डॉक्टर कस्तूरी रँगन ने स्वीकार कर लिया क्योकि डॉ रँगन डॉ लता को बहुत करीब से जानते थे उन्हें विश्वास था कि डॉ लता कोई ऐसा काम कर ही नही सकती जिससे कि मेडिकल साइंस की छबि धूमिल हो वह तुरंत ही डॉ लता के संग चल पड़े और सी एम एस डॉ केवल कुमार हरिहरन से अस्पताल के गेट पर रोते बिलखते दंपति के बच्चे को अपनी चिकित्सा में एडमिट करने का अनुरोध किया सी एम एस डॉ हरिहरन ने डॉ रँगन से कहा डॉ साहब अभी कुछ घण्टे ही पूर्व इसी अस्पताल के चिकित्सकों ने बच्चे को भर्ती करने से इनकार कर दिया है और इनकार करने वालो में आप भी थे डॉ रँगन ने कहा सही है सर लेकिन मैं यह जोखिम अपने विश्वसनीय दोस्त डॉ सुमन लता के कहने पर उठा रहा हूँ ।

थक हार राम मनोहर अस्पताल के सी एम एस द्वारा बच्चे को भर्ती करने की अनुमति दी गयी डॉ रँगन की देख रेख में उस बच्चे को डॉ सुमन लता ने भर्ती कराया बच्चा प्राणान्त के नजदीक ही था आक्सीजन पर उसकी सांसों को जोड़े रखा गया डॉ सुमन ने बच्चे की गहन जांच किया और उपलब्ध हर जांच कराई मगर कोई विशेष नई बात या जानकारी नही प्राप्त हो सकी जिसे पहले की जांचों में ना पाया गया हो।

फिर भी डॉ सुमन लता ने हार नही मानी औऱ चिकित्सा जारी रखा और डॉ तरुण एव अन्य डाक्टरो से भी सलाह लिया लेकिन सारे प्रायास बेनतीजा साबित होते जा रहे थे।

एका एक एकदिन डॉ सुमन लता के दिमाग मे पता नही क्या सुझा अपने लान में लगे पौधों को पानी देने के लिए लम्बी रबड़ कि पाइप खोजने लगी अमूमन उनके लान में फूल पौधों को पानी लाखू माली ही देता था जिसे उन्होंने अपने लान कि देख रेख के लिए ही रखा था पिछले दो तीन दिनों से लाखू पता नही क्यो नहीं आ रहा था वह पाईप खोजते यही सोच सब सोच ही रही थी कि उनको पाईप मिल गयी उन्होंने पाईप उठाई एक सिरे को नल कि टोटी में लगाया और स्वयं पौधों को पानी देने के लिए नल की टोटी आन किया ज्यो ही पाइप का दूसरा सिरा लेकर पौधों को पानी देने के लिए बढ़ी नल कि टोटी से लगी पाइप निकल गयी जिसे उन्होंने पुनः लगाया और ज्यो ही नल को टोटी चालू किया तुरंत ही पाइप निकल गयी यही प्रक्रिया बार बार दोहराने से डॉ सुमन लता परेशान हो गयी और अंत मे उन्होंने पाइप को चेक करना शुरू किया तो देखा कि पाइप कि चौड़ाई के आकार की कोई कांक्रीट पाइप के दूसरे सिरे जिधर से पानी पौधों को दिया जाने वाला था फँसी थी जिसके कारण नल खोलने पर पानी उस कांक्रीट से टकराकर वापस हो जाता और नल की टोटी के सिरे पर बैक प्रेशर इतना अधिक बनाता की पाइप निकल जाती ।

डॉ सुमन को तो जैसे लगा कि प्यारी दम्पति के बेटे की समस्या के निदान का रास्ता ही मिल गया हो यूरेका यूरेका कुछ आर्कमिडीज के अंदाज़ में बड़ी खुशी से झूमते हल्के मुस्कुराहट के साथ बोलने लगी उनकी होम मेट नगिया ने पूछा का बात है? आप इतना खुश काहे है? का बात है का तरुण बाबू के याद आई गयी ?

डॉ सुमन लता ने कहा चुप जब देखो तब फालतू बात करती रहती हो नगिया ने कहा मेम साहब आज तलक कबो आपको एतना खुश नाही देखा ऐसे बोल दिया माफ करो मेम साहब नगिया के भोलेपन पर डॉ सुमन ने कहा कोई बात नही बोली जल्दी से नास्ता तैयार करो हमे आज पहले फोर्टिस जाना है और जल्दी जल्दी से तैयार हो गयी और नाश्ता करके फोर्टिस अस्पताल पहुंच गई वहां से छुट्टी लेकर राम मनोहर लोहिया अस्पताल के लिए निकल गई डॉ रँगन एव डॉ केवल कुमार हरिहरन से मुलाकात कर राम मनोहर लोहिया हास्पिटल के स्पेसलाइज़्ड डॉक्टरों से सलाह के लिए अबिलम्ब आवश्यक बैठक बुलाने का आग्रह किया कुछ ही देर में राम मनोहर लोहिया के सभी विशेषज्ञ डॉक्टर्स एकत्र हो गए तब डॉ सुमन लता ने प्यारी दंपती के बेटे के विषय मे जबको बताया कि जिस पेसेट सीनू को मैने डॉ रँगन की निगरानी में एव अपनी चिकित्सा में भर्ती किया है उसके बीमारी की डायग्नोसिस मैंने कर ली है दरसल सीनू के हार्ट के तीन वाल्व गर्भ में रहते बने तो है मगर मांस की शक्ल में वाल्व के बाद का भाग विकसित है अतः जब भी हार्ट ब्लड पंप करता है तीनो अविकसित वॉल्वो से टकराने के बाद ब्लड बैंक प्रेशर से पीछे लौट आता है जिसके कारण पूरे हार्ट पर एक तनाव क्रिएट होता है और सीनू को अंकाँसस करता है चुकी उसके पूरे शरीर मे रक्त का प्रवाह ही बाधित है जिसके कारण उसके विकास में समस्याएं है ।

अतः मैं यह जानते हुए की अभी मेडिकल साइंस ने हार्ट सर्जरी के क्षेत्र में बहुत प्रगति नही की है फिर भी सीनू की सर्जरी मैं करूंगी और चाहूंगी कि राम मनोहर लोहिया की सर्जरी विभाग एव कार्डियोलोजिस्ट हमे सहयोग करे संम्भवः है मेडिकल क्षेत्र में हार्ट सर्जरी के क्षेत्र में एक नई शुरूआत हो और जिसके लिए मेरे द्वारा सीनू की हार्ट सर्जरी मिल का पत्थर सावित हो और और भविष्य में लोंगो को हार्ट की समस्याओ का समाधान मिल सके।

सी एम एस केवल कुमार हरिहरन ने कहा कि मैं इसकी इजाजत तभी दूंगा जब आप एक लीगल एफिडेविट दे राम मनोहर लोहिया अस्पताल प्रशासन को की आप अपनी स्वयं की जोखिम से सीनू के हार्ट की सर्जरी करने जा रही है।

हॉस्पिटल प्रशासन ने सिर्फ मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए अपना ऑपरेशन थियेटर एव आपेरेट्स उपलब्ध कराया है डॉ सुमन लता को तो जैसे जुनून सवार था उन्होने इनता बड़ा जोखिम भी उठाना स्वीकार किया जिसमें सम्भव था आई एम ए में उनका रजिस्ट्रेशन निरस्त हो जाये लेकिन बिना किसी परवाह के उन्होंने हॉस्पिटल प्रसाशन को लीगल एफिडेविट दे दिया।

हॉस्पिटल प्रशासन ने डॉ सुमन लता को ऑपरेशन थियेटर उपलब्ध करा दिया डॉ सुमन लता ने पूरे मामले को डॉ तरुण से डिस्क्स किया और सीनू के ऑपरेशन में सहयोग की अपील की सीनू के ऑपरेशन के लिए रविवार का दिन निर्धारित किया गया।

सुबह आठ बजे सीनू के ऑपरेशन की तैयारी शुरू हुई डॉ सुमन ने दिल्ली के महत्वपूर्ण प्रिंट मीडिया मैगज़ीन के प्रतिनिधियों को बुला रखा था ठीक दस बजकर पचास मिनट पर नन्हे से सीनू का हार्ट खोल दिया डॉ सुमन लता ने यह भारत मे ही नही सम्पूर्ण दुनियां में पहली ही ऐसी हार्ट सर्जरी थी जिसमें बच्चे के दिल को खोल दिया मेडिकल साइंस की दुनियां में एक नए विश्वास को जन्म दिया ऑपरेशन शाम आठ बजे तक चला इस दौरान सीनू को सांसे किंतनी ही बार थमते थमते रह गयी किंतनी ही बार थडकने रुकते रुकते रह गयी डॉ सुमन ने ब्लॉक वाल्व को नए सिरे से मांस के टुकड़ों को काट काट कर हार्ट पम्पिंग सिस्टम्स के लायक बनाया डॉ सुमन ने बी नेगेटिव ब्लड ग्रुप पहले ही पर्याप्त मात्र में मंगा रखा था ऑपरेशन के तीन दिन बाद सीनू ने आंखे खोली उंसे आक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था ।

एक सप्ताह दो सप्ताह तीन सप्ताह बीतते गए और सीनू के स्वस्थ में सुधार होने लगा अविकसित अंगों में विकास के लक्षण दिखने लगे राम मनोहर लोहिया अस्पताल के विषय में प्रति दिन प्रिंट मीडिया ने सीनू के चमत्कारिक चिकित्सा के लिए नए नए लेख आर्टिकल उसके मानवीय संवेदनाओं एव सेवा के लिये प्रकाशित होने लगे ।

डॉ सुमन लता ने दिल्ली के सभी अखबारों के प्रतिनिधियों को बुलाया और प्रेस कांफ्रेन्स आयोजित किया जिसमें पत्रकारों ने तरह तरह के सवाल किए जिसका जबाब डॉ सुमन लता डॉ केवल कुमार डॉ रँगन डॉ तरुण आदि ने दिए अंत मे मकबूल हुसैन पत्रकार ने डॉ सुमन पर व्यंग से एक सवाल किया मैडम सुना है आप आदि वासी समाज उरांव से आती है और सीनू मुंडा आदिवासी समाज से इसीलिये आपने सभी मर्यादाओं अपने कैरियर को दांव पर लगा दिया क्या सीनू आदिवासी समाज से नही होता तब भी आप इतने जोखिम उठा कर इलाज करती।

डॉ सुमन लता को लगा जैसे उनको किसी ने अपमान के विष में ही डुबो दिया डॉ सुमन क्रोध से कांप उठी चारो तरफ सन्नाटा छा गया हर आदमी प्रश्न पूछने वाले पत्रकार को कोष रहा था ।
बहुत लोंगो ने तो प्रश्न पूछने वाले पत्रकार मकबूल हुसैन को अपमानित जलील करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस से ही बाहर करने लगे हालांकि प्रेस कांफ्रेंस समापन पर ही था अफरा तफरी मच गयी हालात अनियंत्रित देख बैठी डॉ सुमन लता उठ खड़ी हुई ।

वहां उपस्थित सभी लोंगो से बड़ी विनम्रता से अनुरोध किया कि आप सभी बैठ जाए एव शांति बनाए रखें यदि मकबूल जी के मन कोई संसय है तो जबाब देना मेरा नैतिक कर्तव्य है जिसे मैं निभाना चाहूंगी ।

डॉ सुमन की भावुक अपील पर सभी लोग पुनः बैठ गए और माहौल में सन्नाटा छा गया।

डॉ सुमन ने बोलना शुरू किया मेरे नौजवान पत्रकार भाई मकबूल हुसैन जी ने जो सवाल पूछा है वास्तव में आज ही उसका जबाब देश एव दिल्ली की जनता को मिल जाना चाहिए जिससे कि आने वाले भविष्य में मेरे पवित्र प्रायास को कोई दूषित मानसिकता से ना देखे ।

तो सुनिए मकबूल जी सच्चाई -मैं अपने व्यक्तिगत कार्य एव दोस्तो से मिलने के लिए राममनोहर अस्पताल आ रही थी ज्यो ही मुख्य गेट से अस्पताल परिसर में दाखिल होने लगी मेरी निगाहें रोते विलखते प्यारी परेश पर पड़ी जिन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल से यह कहकर छुट्टी देकर बाहर कर दिया गया था कि उनके बेटे का इलाज मेडिकल साइंस में है ही नही ।

मैंने डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल के सी एम एस डॉ केवल कुमार हरिहरन से प्यारी एव परेश दम्पति के लाडले कि चिकित्सा के लिये निवेदन किया और अपने मित्र रँगन की गारन्टी पर मुझे सीनू प्यारी परेश के इकलौते बेटे की चिकित्सा की अनुमति सिर्फ इसलिए मिल गयी क्योकि मैंने बहुत दिनों तक राम मनोहर लोहिया में अपनी सेवाएं पूरी निष्ठा एव ईमानदारी से दिया है और यहां सभी लोग मुझसे एव मेरे आचरण व्यवहार से परिचित है ।

हुसैन साहब सीनू के ऑपरेशन करने के लिए मैंने स्वयं एक घोषणा जटिल कानूनी प्रक्रियाओं के बाद दे रखा है कि यदि सीनू के इलाज के दौरान कोई भी अनहोनी हो जाती जिसकी संभावनाएं निन्नयन्वे दशमलव पांच प्रतिशत थी तब मेरे सभी एकेडमिक योग्यताओं को कानूनी कार्रवाई से निरस्त कर दिया जाता और मैं कही की नही रहती ना घर की ना घाट की एव सिर्फ पॉइंट पांच प्रतिशत सम्भावनाओ के आधार पर यह जोखिम उठाया।

सबसे मुख्य बात मुझे अभी तक नही पता है कि सीनू मुंडा आदिवासी समाज से आता है मैंने तो रोते बिलखते माँ बाप की वेदना सुनी जिसने मेरे मन को झक झोर कर रख दिया और मुझसे रहा नही गया।

एक बात और मकबूल हुसैन जी बच्चे भगवान के रूप होते उनकी कोई जाति नही होती है बच्चे सम्पूर्ण मानवता की संवेदनाओं के सत्य परब्रह्म ,ईश्वर ,परमात्मा के बोध का युगीय दर्पण होते है।

बच्चे विश्व के किसी कोने धर्म सम्प्रदाय के हो होते भगवान का रूप ही है ठीक उसी प्रकार जैसे ब्रह्मांड का प्रत्येक मानव मूल रूप से आदि मानव के रूप में ही जन्म लेता है और मरता भी है अपने आदि स्वरूप में ही जन्म ही बाल रूप भगवान का है अतः मेरे द्वरा सीनू की चिकित्सा किसी सांमजिक अवधारणा के आकर्षण के अंतर्गत नही बल्कि बच्चे भगवान का आदि स्वरूप एव भावी राष्ट्र एव ज़माज के महत्वपूर्ण कर्ण धार होते है इसी भवना से प्रेरित होकर मैंने सीनू इलाज़ का जोखिम उठाया जिसने सीनू को जिंदगी देने के साथ साथ मेडिकल साइंस को एक नए संभावनाओं के सत्य के प्रकाश से आलोकित किया हैं।

चारो तरफ पत्रकारों के बीच से यही स्वर उठने लगे डॉ सुमन हम सभी मकबूल द्वारा आपको आहत करने से शर्मिदा है और विनम्र क्षमा मांगते है।

देश एवं देश की राजधानी एव दिल दिल्ली की धड़कनों से एक ही आवाज आज भी गूंजती है बच्चे भगवान का रूप होते है और भावी पीढ़ी का आधार अस्तित्व होते है।

नन्दलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखुर उत्तर प्रदेश।।

Language: Hindi
Tag: कहानी
49 Views
You may also like:
किसके हाथों में थामो गे जिंदगी अपनी
किसके हाथों में थामो गे जिंदगी अपनी
कवि दीपक बवेजा
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
मोहब्ब्बत के रंग तुम पर बरसा देंगे आज,
Shubham Pandey (S P)
अकेला चलने का जिस शख्स को भी हौसला होगा।
अकेला चलने का जिस शख्स को भी हौसला होगा।
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
💐प्रेम कौतुक-155💐
💐प्रेम कौतुक-155💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
यह आखिरी है दफा
यह आखिरी है दफा
gurudeenverma198
स्वंग का डर
स्वंग का डर
Sushil chauhan
I was ready to say goodbye.
I was ready to say goodbye.
Manisha Manjari
*पेड़  (हिंदी गजल/गीतिका)*
*पेड़ (हिंदी गजल/गीतिका)*
Ravi Prakash
बोध कथा। अनुशासन
बोध कथा। अनुशासन
सूर्यकांत द्विवेदी
वो मेरी कौन थी ?
वो मेरी कौन थी ?
सुशील कुमार सिंह "प्रभात"
बर्बादी की दुआ कर गए।
बर्बादी की दुआ कर गए।
Taj Mohammad
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
मनमोहन छंद विधान ,उदाहरण एवं विधाएँ
Subhash Singhai
दर्द पर लिखे अशआर
दर्द पर लिखे अशआर
Dr fauzia Naseem shad
💐एय मेरी ज़ाने ग़ज़ल💐
💐एय मेरी ज़ाने ग़ज़ल💐
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Jitendra Kumar Noor
STOP looking for happiness in the same place you lost it....
STOP looking for happiness in the same place you lost...
सोनम राय
धन
धन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
इतनी सी बात पे
इतनी सी बात पे
Surinder blackpen
"लाड़ली रानू"
Dr Meenu Poonia
हम कलियुग के प्राणी हैं/Ham kaliyug ke prani Hain
हम कलियुग के प्राणी हैं/Ham kaliyug ke prani Hain
Shivraj Anand
तख़्ता डोल रहा
तख़्ता डोल रहा
Dr. Sunita Singh
नववर्ष 2023
नववर्ष 2023
Saraswati Bajpai
ज़िंदा लाल
ज़िंदा लाल
Shekhar Chandra Mitra
■ हाथ मे झाड़ू : गर्दभ वाहन...
■ हाथ मे झाड़ू : गर्दभ वाहन...
*Author प्रणय प्रभात*
मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे
मेरे 20 सर्वश्रेष्ठ दोहे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जीवन पथ
जीवन पथ
Kamal Deependra Singh
"आधुनिक काल के महानतम् गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन्"
Pravesh Shinde
Bhagwan sabki sunte hai...
Bhagwan sabki sunte hai...
Vandana maurya
'दीपक-चोर'?
'दीपक-चोर'?
पंकज कुमार कर्ण
मैं भारत हूं (काव्य)
मैं भारत हूं (काव्य)
AMRESH KUMAR VERMA
Loading...