Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Jun 2022 · 1 min read

ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना

तपती धरती पर तरस खाओ ना
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना

सुख रहें हैं सारे खेत खलिहान
है भीषण गर्मी शाम चाहें बिहान
पशु- पक्षी प्यासे फड़फड़ा रहे हैं
आदमी तर बतर हुए जा रहे हैं

ऐ मेंढक जोर- जोर टरटराओ ना
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना

सूख रहे सब नदी -नाले,तालाब
मछलियां तड़पने लगी बिन आब
सड़कें , गलियां सब सुनसान हुए
नवजात शिशु गर्मी से परेशान हुए

ऐ हिमालय जरा उसे समझाओ ना
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना

कण-कण धूल बन बिखर रहे हैं
हवाएं, फिजाएं भी बिफर रहें हैं
उतरी सी लगती फूलों की रंगत
आकाश में न दिखे बगुलों की संगत

ऐ पपीहा उसे जल्दी बुलाओ ना
ऐ बादल अब तो बरस जाओ ना।

नूर फातिमा खातून” नूरी”
जिला कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
मौलिक स्वरचित

Language: Hindi
6 Likes · 4 Comments · 799 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
🌺🌺इन फाँसलों को अन्जाम दो🌺🌺
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
मृदा मात्र गुबार नहीं हूँ
AJAY AMITABH SUMAN
हो गया
हो गया
sushil sarna
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
दुआ
दुआ
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
कम से कम..
कम से कम..
हिमांशु Kulshrestha
पाती
पाती
डॉक्टर रागिनी
■ सोच लेना...
■ सोच लेना...
*प्रणय प्रभात*
बचपन याद किसे ना आती ?
बचपन याद किसे ना आती ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
माना सांसों के लिए,
माना सांसों के लिए,
शेखर सिंह
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
तू गीत ग़ज़ल उन्वान प्रिय।
Neelam Sharma
दुकान मे बैठने का मज़ा
दुकान मे बैठने का मज़ा
Vansh Agarwal
भगवान सर्वव्यापी हैं ।
भगवान सर्वव्यापी हैं ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
ऐसा नही था कि हम प्यारे नही थे
Dr Manju Saini
"उदास सांझ"
Dr. Kishan tandon kranti
3027.*पूर्णिका*
3027.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
बड़ी अदा से बसा है शहर बनारस का
Shweta Soni
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
Vaishaligoel
"दर्पण बोलता है"
Ekta chitrangini
*Eternal Puzzle*
*Eternal Puzzle*
Poonam Matia
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
मानते हो क्यों बुरा तुम , लिखे इस नाम को
gurudeenverma198
सुकून
सुकून
Neeraj Agarwal
हट जा भाल से रेखा
हट जा भाल से रेखा
Suryakant Dwivedi
God O God
God O God
VINOD CHAUHAN
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
कौन ये कहता है यूं इश्क़ में नया ठिकाना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*1977 में दो बार दिल्ली की राजनीतिक यात्राएँ: सुनहरी यादें*
*1977 में दो बार दिल्ली की राजनीतिक यात्राएँ: सुनहरी यादें*
Ravi Prakash
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
कितने शब्द हैं
कितने शब्द हैं
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
तेरे बिछड़ने पर लिख रहा हूं ये गजल बेदर्द,
Sahil Ahmad
Loading...