Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Oct 2022 · 1 min read

किसी का भाई ,किसी का जान

किसी का भाई ,किसी का जान

बहनों का प्यारा हूँ ,
राज दुलारा हूँ ।
मस्ती का टोली लाई हूँ ,
किसी का भाई हूँ ।

दिलों का दिलवाले है,
मोहब्बत में आने वाले है।
पापा का शान हूँ ,
किसी का जान हूँ ।

रिमोट लड़ाई का हिरो हूँ ,
पार्टी देने मे जीरो हूँ ।
मस्ती करने में हाई हूँ ,
किसी का भाई हूँ ।

शत्रु का भक्षक हूँ ,
माता-पिता का रक्षक हूँ ।
तेरे दिल का वाण हूँ ,
किसी का जान हूँ ।

-निशांत प्रखर

Language: Hindi
4 Likes · 109 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
श्रीमद्भगवद्‌गीता का सार
Jyoti Khari
सुबह को सुबह
सुबह को सुबह
rajeev ranjan
परछाई
परछाई
Dr. Rajiv
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
उसे देख खिल गयीं थीं कलियांँ
श्री रमण 'श्रीपद्'
चंद किरणे चांद की चंचल कर गई
चंद किरणे चांद की चंचल कर गई
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"
The waves are dying at the shore.
The waves are dying at the shore.
Manisha Manjari
नारी के हर रूप को
नारी के हर रूप को
Dr fauzia Naseem shad
मुक्त्तक
मुक्त्तक
Rajesh vyas
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
ज़िन्दगी की तरकश में खुद मरता है आदमी…
Anand Kumar
स्वदेशी के नाम पर
स्वदेशी के नाम पर
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता हैं,
आज कुछ अजनबी सा अपना वजूद लगता हैं,
Jay Dewangan
स्कूल कॉलेज
स्कूल कॉलेज
RAKESH RAKESH
💐अज्ञात के प्रति-136💐
💐अज्ञात के प्रति-136💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
रिश्ते रिसते रिसते रिस गए।
रिश्ते रिसते रिसते रिस गए।
Vindhya Prakash Mishra
■ आज का शेर
■ आज का शेर
*Author प्रणय प्रभात*
कभी आधा पौन कभी पुरनम, नित नव रूप निखरता है
कभी आधा पौन कभी पुरनम, नित नव रूप निखरता है
हरवंश हृदय
ऐ वसुत्व अर्ज किया है....
ऐ वसुत्व अर्ज किया है....
प्रेमदास वसु सुरेखा
प्रश्चित
प्रश्चित
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
प्रेम
प्रेम
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मां
मां
Amrit Lal
Blood relationships sometimes change
Blood relationships sometimes change
pratibha5khatik
आंखों में
आंखों में
Surinder blackpen
वीर हनुमान
वीर हनुमान
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
कन्यादान
कन्यादान
Shekhar Chandra Mitra
बरसात (विरह)
बरसात (विरह)
लक्ष्मी सिंह
चैतन्य
चैतन्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
राधे राधे happy Holi
राधे राधे happy Holi
साहित्य गौरव
बिन शादी के रह कर, संत-फकीरा कहा सुखी हो पायें।
बिन शादी के रह कर, संत-फकीरा कहा सुखी हो पायें।
Anil chobisa
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
जनाजे में तो हम शामिल हो गए पर उनके पदचिन्हों पर ना चलके अपन
DrLakshman Jha Parimal
*गर्मी के मौसम में निकली, बैरी लगती धूप (गीत)*
*गर्मी के मौसम में निकली, बैरी लगती धूप (गीत)*
Ravi Prakash
Loading...