एक कमबख्त यादें हैं तेरी !
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एक कमबख्त यादें हैं तेरी
जो हमें सोने नहीं देतीं
एक नासमझ तकिया हैं मेरी !!!
जो आँसु पोंछ लेती हैं , मग़र रोने नहीं देतीं !
The_dk_poetry
एक कमबख्त यादें हैं तेरी
जो हमें सोने नहीं देतीं
एक नासमझ तकिया हैं मेरी !!!
जो आँसु पोंछ लेती हैं , मग़र रोने नहीं देतीं !
The_dk_poetry