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10 Feb 2017 · 1 min read

एक अरसा

चलुं खुद से मिल आऊँ ,
खुद से मिले एक अरसा हो गया है,

आखोँ की नमीं नही जाती,
गमो मे कमी नही आती,
इन्हे खुशियाँ देखे एक अरसा हो गया है
खुद से मिले__________।

दिमाग मे मची एक कलकल है,
सीने मे यादो का गहरा दलदल है,
दलदल को खड़े एक अरसा हो गया है
खुद से मिले___________।

साझँ की सुहानी बेला है,
फिर भी मन कितना अकेला है,
सुबह का मेला देखे एक अरसा हो गया है
खुद से मिले _________।

ख्वाहिशो पर बिछी पड़ी धुल है,
सपनो पर चुभे हुए कई शुल है,
जख्मो को हरे हुए एक अरसा हो गया है
खुद से मिले__________।

चलुं खुद से मिल आऊँ,
खुद से मिले एक अरसा हो गया है।

Language: Hindi
Tag: कविता
241 Views
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