उसकी मोहब्बत का नशा भी कमाल का था…….
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उसकी मोहब्बत का नशा भी कमाल का था,
उसका चेहरा मानो खिलता गुलाब सा था,
बिना देखे उसे दिल को चैन नहीं आता था,
बातें ना हो पाए तो रातों को नींद नहीं आता था,
पता नहीं हम दूर कैसे हो गए, अपनी आदतों से मजबूर कैसे हो गए, और आज भी मेरी यादों ने उनके दिल में जगह बनाई है, तभी तो सहेली के हाथों उसने मेरी खैरियत मंगवाई है।