इस बुझी हुई राख में तमाम राज बाकी है
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इस बुझी हुई राख में तमाम राज बाकी है
दिल में सिसकियां की आवाज बाकी है !
बुझ गए थे जो दिए समय से पहले कभी..
उनमें अभी कई तेल की बूंदे बाकी है ….!!
✍️Deepak saral
इस बुझी हुई राख में तमाम राज बाकी है
दिल में सिसकियां की आवाज बाकी है !
बुझ गए थे जो दिए समय से पहले कभी..
उनमें अभी कई तेल की बूंदे बाकी है ….!!
✍️Deepak saral