इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ
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इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ,क्षोभ,यश,क्रोध प्रेम का भूकम्प आ रहा है जिसका केंद्रबिंदु उसका मस्तिष्क है।
RJ Anand Prajapati
इंसानों के अंदर हर पल प्रतिस्पर्धा,स्वार्थ,लालच,वासना,धन,लोभ,क्षोभ,यश,क्रोध प्रेम का भूकम्प आ रहा है जिसका केंद्रबिंदु उसका मस्तिष्क है।
RJ Anand Prajapati