Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Oct 2016 · 1 min read

आस का ,अभिलाष का ,विश्वास का हो:: जितेंद्रकमलआनंद ( पोस्ट४९) मुक्तक

मुक्तक ::

आस का , अभिलाष का , विश्वास का हो ।
पल्लवित वट — वृक्ष अब मधुमास का हो ।
बैठ जिसकी छॉव में जीवन सँवारें ।
हम सभी को प्रत्येक पल उल्लास का हो ।।४९,!!

— जितेंद्रकमल आनंद

Language: Hindi
393 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मित्र धर्म
मित्र धर्म
ललकार भारद्वाज
तू क्यूँ उदास बैठा है |
तू क्यूँ उदास बैठा है |
Saurabh Kumar
My life's situation
My life's situation
Chaahat
बनोगे मेरे
बनोगे मेरे
sheema anmol
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
उसका राज चल रहा है उसके ससुराल पहुंँचते ही
उसका राज चल रहा है उसके ससुराल पहुंँचते ही
Akash Agam
रिश्तों के
रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
भीगी बिल्ली(बाल कविता)
भीगी बिल्ली(बाल कविता)
Ravi Prakash
- में अजनबी हु इस संसार में -
- में अजनबी हु इस संसार में -
bharat gehlot
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
जब तक हम ख़ुद के लिए नहीं लड़ सकते हैं
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
*मेरा सपना*
*मेरा सपना*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
कपट का भाव ईर्ष्या या निजी स्वार्थ से पैदा होता है।
कपट का भाव ईर्ष्या या निजी स्वार्थ से पैदा होता है।
Rj Anand Prajapati
"भालू"
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल _ मुहब्बत के दुश्मन मचलते ही रहते ।
ग़ज़ल _ मुहब्बत के दुश्मन मचलते ही रहते ।
Neelofar Khan
महंगाई एक त्यौहार
महंगाई एक त्यौहार
goutam shaw
अद्भुत प्रेम
अद्भुत प्रेम
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
होती क्या है काया?
होती क्या है काया?
Nilesh Premyogi
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
जहां काम तहां नाम नहि, जहां नाम नहि काम ।
Indu Singh
हरजाई खुशी
हरजाई खुशी
ओनिका सेतिया 'अनु '
श्रृगार छंद - मात्रिक
श्रृगार छंद - मात्रिक
पंकज परिंदा
जब कोई हो पानी के बिन……….
जब कोई हो पानी के बिन……….
shabina. Naaz
चिर विरह
चिर विरह
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
मोबाइल भक्ति
मोबाइल भक्ति
Satish Srijan
अछूत
अछूत
Lovi Mishra
आंसू जता देते है, दर्द कैसा है ?
आंसू जता देते है, दर्द कैसा है ?
पूर्वार्थ
'भारत के लाल'
'भारत के लाल'
Godambari Negi
Conscience
Conscience
Shyam Sundar Subramanian
आज के जमाने में
आज के जमाने में
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक अधूरी चाह
एक अधूरी चाह
RAMESH Kumar
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
Keshav kishor Kumar
Loading...