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1 Aug 2016 · 1 min read

आसरा

जिंदगी के हर ज़हर को मय समझकर पी गया,
दर्द जब हद से बढ़ा तो होंठ अपने सी गया,
मौत कितनी बार मेरे पास आई ऐ”चिराग़”,
इक तेरे दीदार की ख़ातिर अभी तक जी गया।

Language: Hindi
1 Like · 334 Views
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