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4 Jun 2023 · 1 min read

आये हो मिलने तुम,जब ऐसा हुआ

शेर- तुमको अपना तो कहे, लेकिन अपनों में क्या कहे।
तुमको अपना हमदर्द कहे, या तुमको फिर बेदर्द कहे।।
————————————————————-
आये हो मिलने तुम, जब ऐसा हुआ।
मरघट को जनाजा, रवाना हुआ।।
आये हो मिलने तुम—————।।

कुछ ही फासले पर , तुम रहते थे।
तुमको जानेजिगर, हम कहते थे।।
चेहरा तुमने दिखाया, जब ऐसा हुआ।
जब जलकर चिता में, खाक हुआ।।
आये हो मिलने तुम—————–।।
————————————————————–
शेर- ऐसे भी आये थे मिलने, जिनको गैर हम कहते थे।
करते थे जिनको नापसंद, देखना पसंद नहीं करते थे।।
——————————————————————–
खबर तुमने सुनी,तुम फुरसत में थे।
हमसे कह दिया, तुम मजलिस में थे।।
याद आया तुम्हें, जब ऐसा हुआ।
इस दुनिया से जब , अलविदा हुआ।।
आये हो मिलने तुम——————।।
——————————————————–
शेर- बहुत महशूर हो तुम, गुमनाम हम भी नहीं।
पूछते हैं हमको भी लोग, बदनाम हम भी नहीं।।
—————————————————————
दौलतवाले हो तुम, क्यों जमीं देखोगे।
हम यतीम-मुफलिसों से, क्यों मिलोगे।।
तुम्हें आई शर्म, जब ऐसा हुआ।
हाल तुम्हारा जब , मेरे जैसा हुआ।।
आये हो मिलने तुम——————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार-
गुरुदीन वर्मा उर्फ साहित्यकार-
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
111 Views
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