आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
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आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
सरहद पे सैनिकों की, हिम्मत वही रहेगी।
नापाक देख ले तू, मजबूत बाजुओं को,
ये शाख़-ए-हुनर ‘नीलम’ फलती ही रहेगी।
नीलम शर्मा ✍️
शाख़-ए-हुनर -प्रतिभा, कौशल
आबाद सर ज़मीं ये, आबाद ही रहेगी ।
सरहद पे सैनिकों की, हिम्मत वही रहेगी।
नापाक देख ले तू, मजबूत बाजुओं को,
ये शाख़-ए-हुनर ‘नीलम’ फलती ही रहेगी।
नीलम शर्मा ✍️
शाख़-ए-हुनर -प्रतिभा, कौशल