Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2016 · 1 min read

आदमी अमीर हूँ

आदमी अमीर हूँ
खो चुका ज़मीर हूँ

जो न खुल के रो सकी
वो जिगर की पीर हूँ

जख़्म के जहान की
दर्द की नज़ीर हूँ

जाने किस हसीन की
ज़ुल्फ़ का असीर हूँ

सल्तनत लुटा चुका
प्यार में फ़कीर हूँ

सरहदों के नाम पर
खिंच रही लकीर हूँ

कह रहा खरी खरी
सिरफिरा कबीर हूँ

राकेश दुबे “गुलशन”
10/06/2016
बरेली

1 Comment · 365 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

।। अछूत ।।
।। अछूत ।।
साहित्य गौरव
मेरे जीने की एक वजह
मेरे जीने की एक वजह
Dr fauzia Naseem shad
यदि आपका आज
यदि आपका आज
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
* खूब खिलती है *
* खूब खिलती है *
surenderpal vaidya
दोहा - शीत
दोहा - शीत
sushil sarna
"नींद नहीं आती है"
राकेश चौरसिया
प्रकृति संग इंसानियत की जरूरत
प्रकृति संग इंसानियत की जरूरत
Sudhir srivastava
उसकी आवाज़ हरेक वक्त सुनाई देगा...
उसकी आवाज़ हरेक वक्त सुनाई देगा...
दीपक झा रुद्रा
बचपन
बचपन
Vivek saswat Shukla
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
गर्मी उमस की
गर्मी उमस की
AJAY AMITABH SUMAN
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा
पसन्द नहीं था खुदा को भी, यह रिश्ता तुम्हारा
gurudeenverma198
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
ना मंजिल की कमी होती है और ना जिन्दगी छोटी होती है
शेखर सिंह
बेतरतीब
बेतरतीब
Dr. Kishan tandon kranti
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
क्रांतिकारी किसी देश के लिए वह उत्साहित स्तंभ रहे है जिनके ज
Rj Anand Prajapati
तहरीर लिख दूँ।
तहरीर लिख दूँ।
Neelam Sharma
नित्यता सत्य की
नित्यता सत्य की
Dr MusafiR BaithA
जिंदगी एक भंवर है
जिंदगी एक भंवर है
Harminder Kaur
इंसान बनाम भगवान
इंसान बनाम भगवान
Khajan Singh Nain
Oh, what to do?
Oh, what to do?
Natasha Stephen
"मेरी उड़ान "
DrLakshman Jha Parimal
वो अपने घाव दिखा रहा है मुझे
वो अपने घाव दिखा रहा है मुझे
Manoj Mahato
गज़ल
गज़ल
dr rajmati Surana
इंतज़ार के दिन लम्बे हैं मगर
इंतज़ार के दिन लम्बे हैं मगर
Chitra Bisht
तस्वीर!
तस्वीर!
कविता झा ‘गीत’
उदास
उदास
सिद्धार्थ गोरखपुरी
भीड़ ने की एक निर्मम हत्या मावलीचिंग
भीड़ ने की एक निर्मम हत्या मावलीचिंग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अधिकांश होते हैं गुमराह
अधिकांश होते हैं गुमराह
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
I know that you are tired of being in this phase of life.I k
पूर्वार्थ
Loading...