आत्मबल
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जोश के जोहार से,
आत्मबल बना रहे
प्रयत्नशील तन रहे।
महत्वपूर्ण अनुभवों,
से मन सजा धजा रहे।
थके चुके वही ,बने जो
कामचोर, आलसी।
हौसला मिटा न जिनका
उनको ही मिली खुशी।
वक्त के पाबंद को,
कभी न समय की कमी।
चाहना के अश्व हेतु
बने सबल सारथी
यही तो जिंदगी हुई,
कि हिम्मती बने रहें,
जुझारूपन लगन भरे
जमे रहें जमीन पर,
ह्दय से कामना करें ।
कि कम न हो
ये आत्मबल।
डा.पूनम पांडे