#आज_का_संदेश
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#आज_का_संदेश
■ पर्यावरण धरा का आवरण
【प्रणय प्रभात】
“पर्यावरण की संवेदनशीलता का सुखद आभास करना हो तो उसके प्रति संवेदनाहीन न बनें। पर्यावरण और प्रकृति के साथ अपने सह-अस्तित्व को स्वीकार करें और अपने पर्यावरण-विरोधी रुख को बदल कर उस आवरण के प्रति सजग व कृतज्ञ रहें, जिस पर समग्र जीवन निर्भर है।”
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)