“आओ मिलकर दीप जलायें “
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“आओ मिलकर दीप जलायें”
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खुशियों से दामन भर जायें
आओ मिलकर दीप जलायें
जग के सारे कलुष मिटायें
कांटों को मह,मह महकायें
प्रीत की बाती घी से भरकर
घोर तिमिर में दीप जलायें
दीप शिखा के उजालों से
कीट पतंगों को ललचायें
दीपों से जगमग घर आंगन
रंगोली से खूब सजायें
फूलझड़ी चरखी अनार संग
पटाखों की झड़ी लगायें
राजभोग, मोहन से कहता
बच्चों के मन को हम भायें
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आओ मिलकर दीप जलायें
••• कलमकार •••
चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ (उ.प्र.)
🪔🪔आप सभी साथियों को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं – चुन्नू लाल गुप्ता-मऊ ✍️