Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jul 2021 · 2 min read

आओ ग़ज़ल लिखना सीखे भाग-3

लेख- ग़ज़ल लिखना सीखे -भाग-3

अर्कान (गण):-

उर्दू में अर्कान जिन्हें हिंदी में गण कहते है आठ होते हैं-
इन्ही़ से बहरों ,रूक्न (छंदों)का निर्माण होता है।
1- फ़ऊलुन- 122 – जिसमें पहला लघु वर्ण फिर दो दीर्घ गुरु वर्ण होता है।
2- फ़ाइलुन- 212- जिसमें पहला गुरु वर्ण फिर एक लघु वर्ण फिर एक गुरु वर्ण होता है।
3-मफ़ाईलुन-1222
4- फाइलातुन-2122
5-मुस्तफ़इलुन-2212
6- मुतफ़ाइलुन-11212
7-मफ़ऊलातु-2221
8*मुफ़ाइलतुन-12112

लघु मात्रा वाले वर्ण-
अ,इ,उ,ऋ, यह वर्ण एक स्वरपूर्ण माने जाते है।
दीर्घ (गुरु) 2 मात्रा वाले वर्ण-
आ,ईऊ,ए,ऐ,ओ,औ,अं,अ:, को दो वर्ण का माना जाता है।
आ,ईऊ,ए,ऐ,ओ,औ,अं,अ:, की मात्राओं को एक स्वररहित वर्ण माना जाता है। यह मात्राएं जिस अक्षर में लगी होती हैं उस अक्षर को अपना स्वर देकर स्वयं स्वररहित वर्ण का स्थान प्राप्त कर लेती हैं।
अ,इ,उ,ऋ, की मात्राएं जिस वर्ण के साथ जुड़ी होती हैं उस वर्ण को स्वरपूर्ण बना देती हैं।इसी कारण इन मात्राऔं वाले वर्ण को केवल एक स्वरपूर्ण वर्ण ही गिना जाता है।

गणों के प्रतीक चिन्ह-
पिंगल में लघु के लिए । और गुरु s के लिए का प्रयोग किया जाता है।
ऊर्दू में सबब सक़ील (।।) एवं सबब खफ़ीफ़ (s) कहा जाता है।
हम यहां पर नीचे कुछ उदाहरण दे रहे है ताकि आसानी से समझ में आ जाये-

रुक्न – गण – प्रयोग पिंगल अनुसार- प्रयोग अरूज़ अनुसार- साकिन वर्णों की पहचान

मफ़ाईलुन- यगण+गरु (।sss) यशोदाजी मुहब्बत कर मुहबबत कर्

मफ़ाईलुन- तगण+गरु (ss।s) संजीवनी अपना नगर अपना नगर्

मु-तफ़ाइलुन-सगण+लघु+गुरु कविता कला रुचि पूर्वक रुचि पूरवक

एक उदाहरण देखें-

सितारों की चमक से चोट लगती है रगे जां पर
।s s s । s s s। s s s ।s s s

अब इसी मिसरे को जब चार वार ‘मफ़ाईलुन’ में बांटेंगे तो स्तिथि इस प्रकार होगी-

मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन मफ़ाईलुन
सितारों की चमक से चो ट लगती है रगे जां पर

इस प्रकार से मिसरे में शब्दों का खंडित होना और अक्षरों का आगे पीछे जुड़ जाना स्वाभाविक है।
इसी प्रकार से अनुस्वार अरूज़ के नियम के अनुसार कहीं गिने जाते है तो कहीं पर अल्प मात्रा में गिने जाते है कभी नगण्य भी हो जाते है।
******
– राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’
संपादक’आकांक्षा’पत्रिका
अध्यक्ष मप्र लेखक संघ टीकमगढ़
शिवनगर कालोनी, टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल-9893520965

Language: Hindi
Tag: लेख
503 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
View all
You may also like:
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
ग़ज़ल -1222 1222 122 मुफाईलुन मुफाईलुन फऊलुन
Neelam Sharma
हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है
हर एक ईट से उम्मीद लगाई जाती है
कवि दीपक बवेजा
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
अंधभक्तों से थोड़ा बहुत तो सहानुभूति रखिए!
शेखर सिंह
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Phool gufran
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
#संवाद (#नेपाली_लघुकथा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
నమో గణేశ
నమో గణేశ
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
मुक्तक
मुक्तक
Yogmaya Sharma
मुद्दत से संभाला था
मुद्दत से संभाला था
Surinder blackpen
फितरत न कभी सीखा
फितरत न कभी सीखा
Satish Srijan
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय लम्बोदराय सकलाय जगद्धितायं।
Shashi Dhar Kumar
Even If I Ever Died
Even If I Ever Died
Manisha Manjari
दुःख (पीड़ा)
दुःख (पीड़ा)
Dr. Kishan tandon kranti
*आत्म-मंथन*
*आत्म-मंथन*
Dr. Priya Gupta
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
अ'ज़ीम शायर उबैदुल्ला अलीम
Shyam Sundar Subramanian
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
एक गुल्लक रख रखी है मैंने,अपने सिरहाने,बड़ी सी...
पूर्वार्थ
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
मैं दुआ करता हूं तू उसको मुकम्मल कर दे,
Abhishek Soni
#दोहा-
#दोहा-
*प्रणय प्रभात*
सकारात्मक सोच
सकारात्मक सोच
Dr fauzia Naseem shad
शर्म करो
शर्म करो
Sanjay ' शून्य'
बाग़ी
बाग़ी
Shekhar Chandra Mitra
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
नेताजी सुभाषचंद्र बोस
ऋचा पाठक पंत
*होता अति आसान है, निराकार का ध्यान (कुंडलिया)*
*होता अति आसान है, निराकार का ध्यान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कचनार
कचनार
Mohan Pandey
सौगात   ...
सौगात ...
sushil sarna
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
खूबसूरत पड़ोसन का कंफ्यूजन
Dr. Pradeep Kumar Sharma
3296.*पूर्णिका*
3296.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
समस्या का समाधान
समस्या का समाधान
Paras Nath Jha
पहले मैं इतना कमजोर था, कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था।
पहले मैं इतना कमजोर था, कि ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाता था।
SPK Sachin Lodhi
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
बेमतलब सा तू मेरा‌, और‌ मैं हर मतलब से सिर्फ तेरी
Minakshi
*वक्त की दहलीज*
*वक्त की दहलीज*
Harminder Kaur
Loading...