अहमियत 🌹🙏
![](https://cdn.sahityapedia.com/images/post/daa194603ae0c8a446b9524688dc530a_d1a022d1739b7a58d499bcd2e66e9fb5_600.jpg)
अहमियत 🌷
🙏🙏🙏
अहम अहमियत विषम बिषय
एक घमण्डी अभिमानी पूरक
दूजा गर्व गंभीरता गरिमा सूचक
अहम में नाश हुआ है वंशज
कौरव रावण और कंश के नाम
सदाचार नें पाया है अंश जैसे
सिया राम और राधे श्याम
तोड़ अहम छोड़ अहमियत
परिभाषित कर गए निजधाम
आकर्षण मोह हावी हो जब
तब रुक सोच जरा करें विचार
सत्य दयाधर्म सद्कर्म महान
गरिमा इक आधार जगत में
अहम का सागर वहम विचार
जिसका नहीं किनारा भू पर
कालखण्ड कलयुग में विश्वास
निशा का तिमिर वसन वसेरा
कलयुग का विविध भू वास
जुआ भोग विलाष हिंसा नशा
स्वर्ण सुवर्ण कर्म कुकर्म झूठ
झंझट में पाना खोना भी बुरा
मर्यादा में ही मिला है जग को
मर्यादा पुरुषोत्तम सीताराम
अनमोल सम्पति जीवन का
मर्यादा बचा स्वयं को संभाल
मर्यादा विहीन जीना जीवन में
असूरी अंध परंपरागत फ़िदरत
वंश विसंगति से हुआ वंश विनाश
हे प्राणी ! समझ अहम अहमियत
करें विचार जग में क्या करना है।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
तारकेश्वर प्रसाद तरूण