*अमर रहे गणतंत्र हमारा, मॉं सरस्वती वर दो (देश भक्ति गीत/ सरस्वती वंदना)*

*अमर रहे गणतंत्र हमारा, मॉं सरस्वती वर दो (देश भक्ति गीत/ सरस्वती वंदना)*
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अमर रहे गणतंत्र हमारा, मॉं सरस्वती वर दो
1
एक राष्ट्र जन एक, भाव की हों शुभ अभिलाषाऍं
प्रांतवाद के छुद्र स्वार्थ हो किंचित सफल न पाऍं
सब हृदयों में देशप्रेम के, आह्लादों को भर दो
2
शुद्ध बनें नदियों के जल, हर ओर स्वच्छता फैले
दिखें न नदियों में गिरते, नालों के पानी मैले
सुंदर स्वच्छ नदी-जल से, मॉं भारत-भर कर दो
3
भेदभाव की हर परिपाटी को हम दूर हटाऍं
तन मन वचन प्राण से केवल भारतीय कहलाऍं
बसा तिरंगे को सॉंसों में, मॉं फहरा घर-घर दो
4
इतनी शक्ति सॅंजोए भारत, नहीं हारने पाए
विजय देश को मिले, शत्रु चाहे जो भी टकराए
भारत के प्रत्येक शत्रु के, भर मन में मॉं डर दो
5
स्वस्थ निरोगी सभी देशवासी हों, सब बलशाली
क्लेश-रहित हो जन-मन-जीवन, घर-घर हो खुशहाली
सदाचार से भरा हुआ, भारत को उज्ज्वल स्वर दो
अमर रहे गणतंत्र हमारा, मॉं सरस्वती वर दो
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*रचयिता : रवि प्रकाश*
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451