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14 Feb 2023 · 1 min read

अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा

अब की बार पत्थर का बनाना ए खुदा
ना एहसास रहे ना जज्बात ना आंखो में आंसू

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Books from ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी"

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