सवेरा हो गया
रौशनी कोशों दूर है और घनघोर अंधेरा हो गया है।
रात कटे तो कैसे कटे ,सब ओर अंधेरा हो गया है।
स्वप्न में खुशियां समेटे सो रहा था रात भर,
किसी ने जगाकर कह दिया कि अब सवेरा हो गया है।
– सिद्धार्थ पाण्डेय
रौशनी कोशों दूर है और घनघोर अंधेरा हो गया है।
रात कटे तो कैसे कटे ,सब ओर अंधेरा हो गया है।
स्वप्न में खुशियां समेटे सो रहा था रात भर,
किसी ने जगाकर कह दिया कि अब सवेरा हो गया है।
– सिद्धार्थ पाण्डेय