Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Apr 2022 · 2 min read

रावण का मकसद, मेरी कल्पना

रावण था लंका का राजा ।
वह था बड़ा शक्तिशाली।
बुद्धि बल का अदभुत मिश्रण।
वह बड़ा था हटशालीl

जप-तप में उसकी तुलना में
इस संसार में कोई नहीं था।
वह शिव शंकर का सबसे
बड़ा परम भक्त कहलाता था।

शिव शंकर को खुश करके
वह दशासन का वर माँगा था।
पर स्वर्ग धाम को कैसे जाए,
उसके मन में एक पश्न था !

उसको पता था की उसका
जीवन पापों से भरा पड़ा है ।
और उसकी प्रजा ने भी
उसके लिए पाप बहुत किया है ।

वह था बड़ा ही बुद्धिशाली।
उसने सोच-समझ एक युक्ति निकाली।
जाके सीता को वन से हर ,
लंका मैं है रख डाला ।

उसका मकसद सीता का
अपमान करना नहीं था।
उसका मकसद तो प्रजा सहित,
स्वर्ग-धाम को जाना था।

वह जान रहा था की सीता ही
उसके स्वर्ग जाने का है मार्ग ।
इसलिए वह कर रहा था
इस तरह का कार्य।

सब लोग एक- एक कर
रावण को समझा रहे थे।
क्या हश्र होने वाला है,
यह सब मिलकर बता रहे थे।

पर रावण जान बुझकर
अनजान बना हुआ था ।
उसका मकसद कितना बड़ा है,
कहाँ बता रहा था!

वह मंद मंद उन सबकी
बातों पर मुस्कुरा रहा था,
और वह मन ही मन स्वर्ग-
धाम जाने की तैयारी कर रहा था।

राम से मुक्ति लेने के लिए ही
तो सीता को लंका लाया था ,
और सीता के जरिये उसने
राम को युद्ध के लिए ललकारा था।

उसका मकसद युद्ध को
जीतना था ही नहीं कभी भी,
वह युद्ध जीत नही सकता है राम से,
वह यह सब जान रहा था ।

उसका मकसद राम के हाथों
अपना वध करवाना था।
उनके हाथों मुक्ति लेकर
स्वर्ग – धाम को जाना था।

यह रावण के सर्वोत्तम बुद्धि
का परिणाम ही था ।
इतने पाप के बाद भी रावण
प्रजा सहित पहुंचा सीधे स्वर्ग-धाम को था।

~अनामिका

Language: Hindi
4 Likes · 4 Comments · 600 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
विरह
विरह
Neelam Sharma
उद् 🌷गार इक प्यार का
उद् 🌷गार इक प्यार का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
*पद के पीछे लोग 【कुंडलिया】*
*पद के पीछे लोग 【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
क़ाबिल नहीं जो उनपे लुटाया न कीजिए
Shweta Soni
" यादों की शमा"
Pushpraj Anant
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
ऐसा बदला है मुकद्दर ए कर्बला की ज़मी तेरा
shabina. Naaz
"शिष्ट लेखनी "
DrLakshman Jha Parimal
ज़िंदगी कब उदास करती है
ज़िंदगी कब उदास करती है
Dr fauzia Naseem shad
आँसू छलके आँख से,
आँसू छलके आँख से,
sushil sarna
!! यह तो सर गद्दारी है !!
!! यह तो सर गद्दारी है !!
Chunnu Lal Gupta
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
मेरे शब्दों में जो खुद को तलाश लेता है।
Manoj Mahato
न रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
न रोजी न रोटी, हैं जीने के लाले।
सत्य कुमार प्रेमी
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
हम भी देखेंगे ज़माने में सितम कितना है ।
Phool gufran
जनतंत्र
जनतंत्र
अखिलेश 'अखिल'
इससे सुंदर कोई नही लिख सकता 👌👌 मन की बात 👍बहुत सुंदर लिखा है
इससे सुंदर कोई नही लिख सकता 👌👌 मन की बात 👍बहुत सुंदर लिखा है
Rachna Mishra
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
बाहर से खिलखिला कर हंसता हुआ
Ranjeet kumar patre
■ क्यों करते हैं टाइम खोटा, आपस में मौसेर्रे भाई??
■ क्यों करते हैं टाइम खोटा, आपस में मौसेर्रे भाई??
*Author प्रणय प्रभात*
बचपन में थे सवा शेर जो
बचपन में थे सवा शेर जो
VINOD CHAUHAN
अस्तित्व
अस्तित्व
Shyam Sundar Subramanian
नये वर्ष का आगम-निर्गम
नये वर्ष का आगम-निर्गम
Ramswaroop Dinkar
कह दिया आपने साथ रहना हमें।
कह दिया आपने साथ रहना हमें।
surenderpal vaidya
ਕੋਈ ਨਾ ਕੋਈ #ਖ਼ਾਮੀ ਤਾਂ
ਕੋਈ ਨਾ ਕੋਈ #ਖ਼ਾਮੀ ਤਾਂ
Surinder blackpen
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
New light emerges from the depths of experiences, - Desert Fellow Rakesh Yadav
Desert fellow Rakesh
दो दोस्तों की कहानि
दो दोस्तों की कहानि
Sidhartha Mishra
One day you will realized that happiness was never about fin
One day you will realized that happiness was never about fin
पूर्वार्थ
*पानी व्यर्थ न गंवाओ*
*पानी व्यर्थ न गंवाओ*
Dushyant Kumar
"दरअसल"
Dr. Kishan tandon kranti
सास खोल देहली फाइल
सास खोल देहली फाइल
नूरफातिमा खातून नूरी
A Beautiful Mind
A Beautiful Mind
Dhriti Mishra
Loading...