Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Oct 2016 · 2 min read

*मामू की शादी में हमने*

मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई।
नाचे-कूदे, गाने गाए, जमकर मौज मनाई।

आगे-आगे बैण्ड बजे थे,
पीछे बाजे ताशे।
घोड़ी पर मामू बैठे थे,
हम थे उनके आगे।
तरह-तरह की फिल्मी धुन थीं और बजी शहनाई।
मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई।

नाना नाचे, नानी नाचीं,
नाचीं चाची ताई।
दादा-दादी ने फिर जमकर,
डिस्को डांस दिखाई।
आतिशबाजी बड़े गज़ब की, सबके मन को भाई।
मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई।

दरबाजे पर धूम-धड़ाका,
नाचे सभी बराती।
स्वागत करने सभी वहाँ थे,
रिस्तेदार घराती।
मामी जी ने मामा जी को, वर-माला पहनाई।
मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई।

खाने के तो, क्या थे कहने,
कुछ मत पूछो भाया।
काजू किसमिश मेवे वाला,
हलवा हमने खाया।
कहीं चाँट थी दिल्ली वाली, और कहीं ठंडाई।
मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई।

काजू-पूरी,दाल मखनियाँ,
और नान तन्दूरी।
छोले और भटूरे ने तो,
कर दी टंकी पूरी।
दही-बड़े की डिश मामी ने, जबरन हमें खिलाई।
मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई।

और रात को फेरे-पूजा,
छन की बारी आई।
मामूजी भी बड़े चतुर थे,
छन की झड़ी लगाई।
मौका पाकर साली जी ने, जूती लई चुराई।
मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई।

भोर हुआ तब धीरे-धीरे,
समय विदा का आया।
दरबाजे पर कार खड़ी थी,
सबका मन भर आया।
सबकी आँखे भर आईं जब, होने लगी विदाई।
मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई।

यूँ तो मुझको बड़ी खुशी थी,
फिर भी रोना आया।
रोना और बिलखना सबका,
मैं तो सह ना पाया।
सारी खुशियाँ छूमंतर थीं, सुनकर शब्द विदाई।
मामू की शादी में हमने, खूब मिठाई खाई।
***
…आनन्द विश्वास

Language: Hindi
1 Comment · 550 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
नज़रों में तेरी झाँकूँ तो, नज़ारे बाहें फैला कर बुलाते हैं।
Manisha Manjari
कौन किसकी कहानी सुनाता है
कौन किसकी कहानी सुनाता है
Manoj Mahato
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
संजय सनातन की कविता संग्रह गुल्लक
Paras Nath Jha
देवों के देव महादेव
देवों के देव महादेव
Neeraj Agarwal
हज़ारों रंग बदलो तुम
हज़ारों रंग बदलो तुम
shabina. Naaz
■ ऋणम कृत्वा घृतं पिवेत।।
■ ऋणम कृत्वा घृतं पिवेत।।
*Author प्रणय प्रभात*
सत्य बोलना,
सत्य बोलना,
Buddha Prakash
करती रही बातें
करती रही बातें
sushil sarna
* चली रे चली *
* चली रे चली *
DR ARUN KUMAR SHASTRI
गर लिखने का सलीका चाहिए।
गर लिखने का सलीका चाहिए।
Dr. ADITYA BHARTI
सुध जरा इनकी भी ले लो ?
सुध जरा इनकी भी ले लो ?
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
घर आ जाओ अब महारानी (उपालंभ गीत)
घर आ जाओ अब महारानी (उपालंभ गीत)
दुष्यन्त 'बाबा'
जो थक बैठते नहीं है राहों में
जो थक बैठते नहीं है राहों में
REVATI RAMAN PANDEY
वो किताब अब भी जिन्दा है।
वो किताब अब भी जिन्दा है।
दुर्गा प्रसाद नाग
गुजरे वक्त के सबक से
गुजरे वक्त के सबक से
Dimpal Khari
दिल से करो पुकार
दिल से करो पुकार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
जीवन बरगद कीजिए
जीवन बरगद कीजिए
Mahendra Narayan
.........,
.........,
शेखर सिंह
फितरत या स्वभाव
फितरत या स्वभाव
विजय कुमार अग्रवाल
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
*गली-गली में घूम रहे हैं, यह कुत्ते आवारा (गीत)*
Ravi Prakash
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
জীবন চলচ্চিত্রের একটি খালি রিল, যেখানে আমরা আমাদের ইচ্ছামত গ
Sakhawat Jisan
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
जब मैं तुमसे प्रश्न करूँगा
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
झूठा फिरते बहुत हैं,बिन ढूंढे मिल जाय।
Vijay kumar Pandey
(22) एक आंसू , एक हँसी !
(22) एक आंसू , एक हँसी !
Kishore Nigam
लफ़्ज़ों में हमनें
लफ़्ज़ों में हमनें
Dr fauzia Naseem shad
नारी तू नारायणी
नारी तू नारायणी
Dr.Pratibha Prakash
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ग़म बांटने गए थे उनसे दिल के,
ओसमणी साहू 'ओश'
मित्रता क्या है?
मित्रता क्या है?
Vandna Thakur
2571.पूर्णिका
2571.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
Loading...