Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2016 · 1 min read

बुझे हुए हैं दीए तमाम मुनव्वर कर दे…………..

बुझे हुए हैं दीए तमाम मुनव्वर कर दे
हसरतों को मोहब्बत का समंदर कर दे

रंग-ओ-खुश्बू को मेरा हमसफ़र कर दे
ज़िंदगी को अपनी याद से मो अतर कर दे

आसमाँ पे रहनेवाले सुन लो सदाएं
मुझे जो भी देना है नीचे उतरकर दे

रंग जम जायेगा महफ़िल में आज उनकी
सुर्खी से रुखसार को तर-बतर कर दे

अर्ज़ है तू उल्फ़त में बस इतना भर कर दे
ख़बर मेरी ले ना ले अपनी ख़बर कर दे

सुना है इक सिक्के के पहलू हैं ए खुदा तो
खुशी के दिन लंबे गम के मुख़्तसर कर दे

इश्क़ की बरसात मुझे भी तर बतर कर दे
नाम की मेरे शब-ए-वस्ल मुक़र्रर कर दे

अहसान इतना सा मिरे ए हमसफ़र कर दे
मुहब्बत के दरिया का तू समंदर कर दे

जाग जाए इश्क़ दिल में उनके ए ख़ुदाया
सुखन मिरा तू इस हद तक़ पुर असर कर दे

Suresh sangwan ‘saru’

2 Comments · 479 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
सत्य उस तीखी औषधि के समान होता है जो तुरंत तो कष्ट कारी लगती
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
सुनता जा शरमाता जा - शिवकुमार बिलगरामी
Shivkumar Bilagrami
"सच का टुकड़ा"
Dr. Kishan tandon kranti
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
अपूर्ण नींद और किसी भी मादक वस्तु का नशा दोनों ही शरीर को अन
Rj Anand Prajapati
वक्त कब लगता है
वक्त कब लगता है
Surinder blackpen
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कवि रमेशराज
💐प्रेम कौतुक-452💐
💐प्रेम कौतुक-452💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
कविताएँ
कविताएँ
Shyam Pandey
यादों की किताब पर खिताब
यादों की किताब पर खिताब
Mahender Singh
* कुछ पता चलता नहीं *
* कुछ पता चलता नहीं *
surenderpal vaidya
राजा यह फल का हुआ, कहलाता है आम (कुंडलिया)
राजा यह फल का हुआ, कहलाता है आम (कुंडलिया)
Ravi Prakash
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
याद हमारी बहुत आयेगी कल को
gurudeenverma198
#सृजनएजुकेशनट्रस्ट
#सृजनएजुकेशनट्रस्ट
Rashmi Ranjan
क्या कहा, मेरी तरह जीने की हसरत है तुम्हे
क्या कहा, मेरी तरह जीने की हसरत है तुम्हे
Vishal babu (vishu)
■ अवतरण पर्व
■ अवतरण पर्व
*Author प्रणय प्रभात*
सच तो रंग होते हैं।
सच तो रंग होते हैं।
Neeraj Agarwal
हम रात भर यूहीं तड़पते रहे
हम रात भर यूहीं तड़पते रहे
Ram Krishan Rastogi
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
दोहा मुक्तक
दोहा मुक्तक
sushil sarna
भाथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / MUSAFIR BAITHA
भाथी के विलुप्ति के कगार पर होने के बहाने / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
“See, growth isn’t this comfortable, miraculous thing. It ca
“See, growth isn’t this comfortable, miraculous thing. It ca
पूर्वार्थ
2653.पूर्णिका
2653.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
बारिश की संध्या
बारिश की संध्या
महेश चन्द्र त्रिपाठी
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
अपनी इस तक़दीर पर हरपल भरोसा न करो ।
Phool gufran
अब तक नहीं मिला है ये मेरी खता नहीं।
अब तक नहीं मिला है ये मेरी खता नहीं।
सत्य कुमार प्रेमी
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
पीने -पिलाने की आदत तो डालो
सिद्धार्थ गोरखपुरी
बीते साल को भूल जाए
बीते साल को भूल जाए
Ranjeet kumar patre
मम्मास बेबी
मम्मास बेबी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
*मोर पंख* ( 12 of 25 )
*मोर पंख* ( 12 of 25 )
Kshma Urmila
Loading...