Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Sep 2017 · 1 min read

जीवन का शाश्वत सत्य

जीवन का शाश्वत सत्य

भोर की बेला हुई, दिनकर की पलके खुली।
इंतज़ार ख़त्म हुआ, सौगात लेकर आई नयी सुबह।।

धीरे धीरे आँखे खोल रहा,स्वर्ण किरणे बिखेर रहा।
नयी सुबह प्रारंभ हुई, रात्रि निशा विभोर हुई।।

कल जो जा रहा पश्चिम में था,आज फिर पूरब में है।
नयी रोशनी नयी किरण आज हमारे जीवन में है।।

दे रहा संकेत हमें, रोज नयी सुबह जीवन की करो।
रोज जियो रोज मरो जीवन का पूरा आनंद लो।।

दोपहर हुई सूरज चढ़ा, तेज को श्रृंगार कर।
यौवन आया अभिमान बरसे,जीवन के सच को भुलाकर।।

साँझ हुई सूरज ढला, बुढ़ापे का पश्चाताप क्यों।
जवानी के कर्मो का, आंसूवो से हिसाब दो।।

यौवन हमारा ढल जायेगा, सूरज के नित ताप सा।
करते रहेंगे बुढ़ापे में, सिर धुन पश्चाताप हम।।

प्रकृति हमें सिखाती है, सीख लेना चाहिए।
जीवन के शाश्वत सत्य को मान ही लेना चाहिए।।

Language: Hindi
809 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
फ़ुर्सत में अगर दिल ही जला देते तो शायद
फ़ुर्सत में अगर दिल ही जला देते तो शायद
Aadarsh Dubey
हमें लगा  कि वो, गए-गुजरे निकले
हमें लगा कि वो, गए-गुजरे निकले
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
#मेरा_जीवन-
#मेरा_जीवन-
*Author प्रणय प्रभात*
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
आते ही ख़याल तेरा आँखों में तस्वीर बन जाती है,
डी. के. निवातिया
. काला काला बादल
. काला काला बादल
Paras Nath Jha
जीत कहां ऐसे मिलती है।
जीत कहां ऐसे मिलती है।
नेताम आर सी
एक शाम उसके नाम
एक शाम उसके नाम
Neeraj Agarwal
संचित सब छूटा यहाँ,
संचित सब छूटा यहाँ,
sushil sarna
पीर
पीर
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
माँ
माँ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
"ख़्वाहिशें"
Dr. Kishan tandon kranti
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
*संपूर्ण रामचरितमानस का पाठ : दैनिक रिपोर्ट*
Ravi Prakash
बेटियां अमृत की बूंद..........
बेटियां अमृत की बूंद..........
SATPAL CHAUHAN
अगर मैं गलत हूं तो सही कौन है,अगर तू सही है तो गलत कौन है
अगर मैं गलत हूं तो सही कौन है,अगर तू सही है तो गलत कौन है
पूर्वार्थ
सच, सच-सच बताना
सच, सच-सच बताना
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
महबूब से कहीं ज़्यादा शराब ने साथ दिया,
Shreedhar
बदला लेने से बेहतर है
बदला लेने से बेहतर है
शेखर सिंह
शांत सा जीवन
शांत सा जीवन
Dr fauzia Naseem shad
तेरी तसवीर को आज शाम,
तेरी तसवीर को आज शाम,
Nitin
मां
मां
goutam shaw
फलक भी रो रहा है ज़मीं की पुकार से
फलक भी रो रहा है ज़मीं की पुकार से
Mahesh Tiwari 'Ayan'
मुख्तशर सी जिन्दगी हैं,,,
मुख्तशर सी जिन्दगी हैं,,,
Taj Mohammad
Ab maine likhna band kar diya h,
Ab maine likhna band kar diya h,
Sakshi Tripathi
अहसान का दे रहा हूं सिला
अहसान का दे रहा हूं सिला
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
!! ईश्वर का धन्यवाद करो !!
!! ईश्वर का धन्यवाद करो !!
Akash Yadav
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
8-मेरे मुखड़े को सूरज चाँद से माँ तोल देती है
Ajay Kumar Vimal
*ग़ज़ल*
*ग़ज़ल*
आर.एस. 'प्रीतम'
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
ପିଲାଦିନ ସଞ୍ଜ ସକାଳ
Bidyadhar Mantry
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
जितनी तेजी से चढ़ते हैं
Dheerja Sharma
*यार के पैर  जहाँ पर वहाँ  जन्नत है*
*यार के पैर जहाँ पर वहाँ जन्नत है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Loading...