कमर बांध लो हिंदुस्तानी
कोरोना पर एक रचना :-
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आधार छंद – ‘ आल्ह /बीर छंद ‘
विधान – 31 मात्रा = 16 , 15 पर यति,
अंत-आर,आज व आंट
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“कमर बांध लो हिन्दुस्तानी!”
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कमर बांध लो हिन्दुस्तानी,कोरोना ने दी ललकार।
अगर करी ना तुमने हिम्मत,कोरोना की हो जयकार।।
लेना होगा ठ़ोस कदम अब,वरना कर दे बंटाधार।
तब ही सुलभ ह़ोयगा जीना,घातक है इसका प्रहार।।
सभी देश इसके पीड़ित हैं,मचा बहुत ही हाहाकार।
घोर विपत्ती से अब कैसे,छूटेगा इससे संसार।।
साफ सफाई रखनी होगी, नैया होगी तब ही पार।
भूल हुई हमसे गर कोई,सूख जायेगी भरी बहार।।
चुम्मा चांटी हाथ मिलाना,इनसे रखना दूरी आज।
दूर रहें बाह्य कर्मों से,इनसे आयें नित ही बाज।।
मेला ठेला माॅल-टाॅल से,खायें नहीं वहां से चांट।
कोरोना का जहर वरन तब,कई भाग में देगा बांट।।
??अटल मुरादाबादी✍️?