Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jun 2021 · 1 min read

औरत इधर से भी बदनाम और उधर से भी

जिसतरह मत्स्यगंधा से निकल सत्यवती
और उनकी अम्बिके-अम्बालिके
कठपुतली भर रह गयी….
या गंगा भी करती रहीं पुत्रों के तर्पण
वो तस्लीमा ही निर्वासिता क्यों ?
महुआ घटवारिन का दोष क्या ?
ताजमहल में ही क्यों कैद ‘मुमताज़’ ?
यशोधरा की क्या गलती थी ?
कुंती क्यों, मरियम भी तो कुँवारी माँ थी ?
जात-परजात उन्हीं के हिस्से ?
हो घर-बार, या कोठा-कोठा भी,
औरत इधर से भी बदनाम
और उधर से भी….

Language: Hindi
4 Likes · 7 Comments · 400 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
बड़े अगर कोई बात कहें तो उसे
बड़े अगर कोई बात कहें तो उसे
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
🥰 होली पर कुछ लेख 🥰
🥰 होली पर कुछ लेख 🥰
Swati
"वट वृक्ष है पिता"
Ekta chitrangini
रोमांटिक रिबेल शायर
रोमांटिक रिबेल शायर
Shekhar Chandra Mitra
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
राहों में उनके कांटे बिछा दिए
राहों में उनके कांटे बिछा दिए
Tushar Singh
यातायात के नियमों का पालन हम करें
यातायात के नियमों का पालन हम करें
gurudeenverma198
!! निरीह !!
!! निरीह !!
Chunnu Lal Gupta
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
जिनकी बातों मे दम हुआ करता है
शेखर सिंह
तुम न आये मगर..
तुम न आये मगर..
लक्ष्मी सिंह
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
तरुण वह जो भाल पर लिख दे विजय।
Pt. Brajesh Kumar Nayak
मुख्तशर सी जिन्दगी हैं,,,
मुख्तशर सी जिन्दगी हैं,,,
Taj Mohammad
*नारी के सोलह श्रृंगार*
*नारी के सोलह श्रृंगार*
Dr. Vaishali Verma
गीतिका
गीतिका "बचाने कौन आएगा"
लक्ष्मीकान्त शर्मा 'रुद्र'
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
वेलेंटाइन डे एक व्यवसाय है जिस दिन होटल और बॉटल( शराब) नशा औ
Rj Anand Prajapati
गुरु
गुरु
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
2846.*पूर्णिका*
2846.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं ऐसा नही चाहता
मैं ऐसा नही चाहता
Rohit yadav
******** प्रेम भरे मुक्तक *********
******** प्रेम भरे मुक्तक *********
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
धनतेरस के अवसर पर ,
धनतेरस के अवसर पर ,
Yogendra Chaturwedi
■ आज का शेर...।
■ आज का शेर...।
*Author प्रणय प्रभात*
प्यार या प्रतिशोध में
प्यार या प्रतिशोध में
Keshav kishor Kumar
हार स्वीकार कर
हार स्वीकार कर
रोहताश वर्मा 'मुसाफिर'
नये साल में
नये साल में
Mahetaru madhukar
कविता-
कविता- "हम न तो कभी हमसफ़र थे"
Dr Tabassum Jahan
दिल के टुकड़े
दिल के टुकड़े
Surinder blackpen
"तारीफ़"
Dr. Kishan tandon kranti
Kathputali bana sansar
Kathputali bana sansar
Sakshi Tripathi
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
अधूरी बात है मगर कहना जरूरी है
नूरफातिमा खातून नूरी
आसमान
आसमान
Dhirendra Singh
Loading...