Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Feb 2017 · 1 min read

ज़ख्म मेरे तू मुझे आज दिखाता क्या है….

ज़ख्म मेरे तू मुझे आज दिखाता क्या है….
दास्ताँ मेरी मुझे ही तू सुनाता क्या है…

ख्वाब में आके सताना तो ठीक था लेकिन…
ज़िन्दगी मेरी में आकर तू रुलाता क्या है….

मैंने तो यूं ही लिख डाली थी ग़ज़ल तुमपे….
बेसबब ही मुझे तू रोज़ सुनाता क्या है…

तेरी पेशानी है चमके, मेरी लकीरें पिटी सी…..
पता है मुझको अंजाम तू, दोहराता क्या है….

बचा है जो भी ले के, निकल जा चुपचाप…
गिरती दीवार पे चरागों को जलाता क्या है….

आँखें कुछ ‘चन्दर’ लब और ही ब्यान करते हैं…
नहीं मिलता है दिल तो हाथ मिलाता क्या है….
\
/सी. एम्. शर्मा…

625 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from CM Sharma
View all
You may also like:
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
कभी मोहब्बत के लिए मरता नहीं था
Rituraj shivem verma
चलते रहना ही जीवन है।
चलते रहना ही जीवन है।
संजय कुमार संजू
संघर्षशीलता की दरकार है।
संघर्षशीलता की दरकार है।
Manisha Manjari
कविता// घास के फूल
कविता// घास के फूल
Shiva Awasthi
एक तो गोरे-गोरे हाथ,
एक तो गोरे-गोरे हाथ,
SURYA PRAKASH SHARMA
पलक-पाँवड़े
पलक-पाँवड़े
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
ये आरजू फिर से दिल में जागी है
ये आरजू फिर से दिल में जागी है
shabina. Naaz
हमें जीना सिखा रहे थे।
हमें जीना सिखा रहे थे।
Buddha Prakash
23/58.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/58.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
प्रहार-2
प्रहार-2
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं
सजी सारी अवध नगरी , सभी के मन लुभाए हैं
Rita Singh
*सावन-भादो दो नहीं, सिर्फ माह के नाम (कुंडलिया)*
*सावन-भादो दो नहीं, सिर्फ माह के नाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बात तनिक ह हउवा जादा
बात तनिक ह हउवा जादा
Sarfaraz Ahmed Aasee
सूर्ययान आदित्य एल 1
सूर्ययान आदित्य एल 1
Mukesh Kumar Sonkar
तुम जीवो हजारों साल मेरी गुड़िया
तुम जीवो हजारों साल मेरी गुड़िया
gurudeenverma198
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
ਹਕੀਕਤ ਜਾਣਦੇ ਹਾਂ
Surinder blackpen
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
चंद मुक्तक- छंद ताटंक...
डॉ.सीमा अग्रवाल
क़ैद कर लीं हैं क्यों साँसे ख़ुद की 'नीलम'
क़ैद कर लीं हैं क्यों साँसे ख़ुद की 'नीलम'
Neelam Sharma
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
रक्षा -बंधन
रक्षा -बंधन
Swami Ganganiya
#जी_का_जंजाल
#जी_का_जंजाल
*Author प्रणय प्रभात*
फिर से आयेंगे
फिर से आयेंगे
प्रेमदास वसु सुरेखा
💐प्रेम कौतुक-372💐
💐प्रेम कौतुक-372💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
हम बिहार छी।
हम बिहार छी।
Acharya Rama Nand Mandal
जल से सीखें
जल से सीखें
Saraswati Bajpai
ये जो मेरी आँखों में
ये जो मेरी आँखों में
हिमांशु Kulshrestha
गुब्बारा
गुब्बारा
लक्ष्मी सिंह
पेड़ पौधे (ताटंक छन्द)
पेड़ पौधे (ताटंक छन्द)
नाथ सोनांचली
ऐसे भी मंत्री
ऐसे भी मंत्री
Dr. Pradeep Kumar Sharma
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
थोड़ा विश्राम चाहता हू,
Umender kumar
Loading...