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3 Nov 2016 · 1 min read

हाले दिल का दर्द(गजल)/मंदीप

हाले दिल का दर्द सुने कौन,
टूटे हुए दिल को जोड़ें कौन।

मिलता सिर्फ दर्द जिस जगह,
अब उस जगह जाये कौन,

मालूम नही मतलब प्यार का,
उस के साथ दिल लगाये कौन।

पता नही मोल आँसुओ का,
आँसू अब उन के लिए बहाये कौन।

आदत जिनकी दिल दुखने की,
अब आदत उसकी बदले कौन।

रो रो बहाती याद में आँखे आँसू,
अब आँसुओ को समझाये कौन।

जो चला गया छोड कर दामन ,
क्या हाल है “मंदीप” का उस को बताये कौन

मंदीपसाई

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