Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Oct 2016 · 1 min read

सावन

शिर्षक=सावन

मुझको भी कुछ अब कहने दो।
ये जो सावन है इसे रहने दो।
बरखा सा मैं भी तो बरसा था।
उनके भी सितम अब सहने दो।

सावन ने ये कैसी कहर ढाई।
संग अपने वो पूर्वा ले आई।
आती वो अकेले तो ठीक मगर।
उनकी यादें संग ले आई।

बिन सावन बरसात पुरानी हुई।
कातिल अब उनकी जवानी हुई।
बैठ झूलो पर इजहार किया।
प्यार उनका सावन की निशानी हुई।

पल याद पुराना आता है।
सावन जब सुहाना आता है।
घर देर से जब जाने पर।
याद उसका बहाना आता है।
अभिषेक भारती”चंदन”

Language: Hindi
486 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
सपना है आँखों में मगर नीद कही और है
Rituraj shivem verma
🎊🎉चलो आज पतंग उड़ाने
🎊🎉चलो आज पतंग उड़ाने
Shashi kala vyas
2965.*पूर्णिका*
2965.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इंसानियत की
इंसानियत की
Dr fauzia Naseem shad
सन्मति औ विवेक का कोष
सन्मति औ विवेक का कोष
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
तुमको सोचकर जवाब दूंगा
तुमको सोचकर जवाब दूंगा
gurudeenverma198
अपनी-अपनी विवशता
अपनी-अपनी विवशता
Dr. Pradeep Kumar Sharma
लैला अब नही थामती किसी वेरोजगार का हाथ
लैला अब नही थामती किसी वेरोजगार का हाथ
yuvraj gautam
दोहे
दोहे
डॉक्टर रागिनी
आपकी आहुति और देशहित
आपकी आहुति और देशहित
Mahender Singh
"कैफियत"
Dr. Kishan tandon kranti
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
अभिव्यक्ति के समुद्र में, मौत का सफर चल रहा है
प्रेमदास वसु सुरेखा
दुख के दो अर्थ हो सकते हैं
दुख के दो अर्थ हो सकते हैं
Harminder Kaur
जो भी मिलता है उससे हम
जो भी मिलता है उससे हम
Shweta Soni
"वृद्धाश्रम"
Radhakishan R. Mundhra
मौसम का मिजाज़ अलबेला
मौसम का मिजाज़ अलबेला
Buddha Prakash
Winner
Winner
Paras Nath Jha
#लघु_कविता
#लघु_कविता
*Author प्रणय प्रभात*
🥀✍*अज्ञानी की*🥀
🥀✍*अज्ञानी की*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
किस हक से जिंदा हुई
किस हक से जिंदा हुई
कवि दीपक बवेजा
!! परदे हया के !!
!! परदे हया के !!
Chunnu Lal Gupta
संगदिल
संगदिल
Aman Sinha
मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो
मन मेरा कर रहा है, कि मोदी को बदल दें, संकल्प भी कर लें, तो
Sanjay ' शून्य'
mujhe needno se jagaya tha tumne
mujhe needno se jagaya tha tumne
Anand.sharma
ज़िन्दगी का रंग उतरे
ज़िन्दगी का रंग उतरे
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
जो ख्वाब में मिलते हैं ...
जो ख्वाब में मिलते हैं ...
लक्ष्मी सिंह
*अंतिम प्रणाम ..अलविदा #डॉ_अशोक_कुमार_गुप्ता* (संस्मरण)
*अंतिम प्रणाम ..अलविदा #डॉ_अशोक_कुमार_गुप्ता* (संस्मरण)
Ravi Prakash
तीन स्थितियाँ [कथाकार-कवि उदयप्रकाश की एक कविता से प्रेरित] / MUSAFIR BAITHA
तीन स्थितियाँ [कथाकार-कवि उदयप्रकाश की एक कविता से प्रेरित] / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
इस दुनिया में किसी भी व्यक्ति को उसके अलावा कोई भी नहीं हरा
Devesh Bharadwaj
और मौन कहीं खो जाता है
और मौन कहीं खो जाता है
Atul "Krishn"
Loading...