साथियों हम है बेरोजगार
साथियों हम है बेरोजगार
कर्म कर मेहनत से भरपूर
दौड दौड कर थकित हो चूर
पूरे एम ए पास
साथियों हम है बेरोजगार
कागज पत्तर भरे पडे है
घन्टो से लाइन में खड़े है
हसती है सरकार
साथियों हम है बेरोजगार
श्रम का सही दाम न पाएँ
दौडे भागे कहा कहा जाए
सब कोशिश बेकार
साथियों हम है बेरोजगार ।
घर वाले भगवान मनाए
विजयी टीका माथ लगाएँ
संपने न हो साकार
साथियों हम है बेरोजगार
कुण्ठित मन निराश रहा है
पास नही कुछ हाथ रहा है
पढ लिखकर बेकार
साथियों हम है बेरोजगार।
युवा शक्ति का श्रम जाया हो
भ्रष्टाचार हर जगह छाया हो
इसका नहीं उपचार
साथियों हम है बेरोजगार ।
विन्ध्यप्रकाश मिश्र विप्र
9198989831