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31 May 2017 · 1 min read

समरसता

मेल जोल भाईचारा से
समरस जगत बनाये हम
प्रेम और सदभाओं का चल
सौ सौ कमल खिलाये हम
कोई छोटा बड़ा नहीं है
मेल जोल से रहना
ऊँच नीच की बात छोड़कर
सबको भाई कहना
हिया हिया में हर मानव के
सुन्दर भाव जगायें हम
मेल जोल…..
जुग जुग से यह देश हमारा
समरस रहा सदा से
रंग रंग के फूल यहाँ
खिलते है बड़ी अदा से
ऐसे ही सुन्दर फूलों से
भारत देश सजाये हम
मेल जोल………
समरसता ही मूल मंत्र हो
संस्कार हो अपना
सभी बराबर होंगे,होगा
देश का पूरा सपना
कदम कदम पर समरसता
समता का दीप जलायें हम
मेल जोल…….
लोकतंत्र में देश प्रेम ही
मूलक है समता का
युगोँ युगोँ से मोड़ रहा है
मानव की नमता का
वर्ण भेद से दूर करे
यह गीत सदा ही गायें हम
मेल जोल……..
डॉ मनोज कुमार

Language: Hindi
1375 Views
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