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7 Sep 2017 · 1 min read

मुक्तक

अधूरा सा हूँ मैं तेरे नाम के बिना!
तड़पाती यादों की सुबह शाम के बिना!
देखकर जिन्दा हूँ तेरी तस्वीरों को,
मुझे नींद भी आती नहीं जाम के बिना!

मुक्तककार- #मिथिलेश_राय

Language: Hindi
238 Views
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