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19 Mar 2017 · 1 min read

भूल तो होती रहे इंसान से

भूल तो होती रहे इंसान से
पर खफा सा वो रहे भगवान से

उम्र में छोटा हो हमसे या बड़ा
सीख लेना चाहिए विद्वान से

कामयाबी अपने’ चूमे जब कदम
दूर रहना चाहिए अभिमान से

फ़र्ज़ अपने जो किये पूरे नहीं
क्यों वही उम्मीद है संतान से

अंधविश्वासी कभी भी मत बनो
सत्यता को तोल लो विज्ञान से

वक़्त ही अपना पराया क्या हुआ
हो गए अपने सभी अंजान से

काम अच्छे भी करें कुछ ‘अर्चना’
पुण्य बस मिलते नही हैं दान से

डॉ अर्चना गुप्ता

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