Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2017 · 1 min read

“बेटी”

((((((( बेटी )))))))
———————————

जब शाम को घर को आऊ,
वो दौड़ी-दौड़ी आए….
लाकर पानी पिलाए,
बेटी…हॉ बेटी….,
फिर सिर को मेरे दबाए,
दिन भर का हाल बताए..
फिर छोटी-छोटी ख्वाहिश,
अपनी मुझे सुनाए….
बेटी….हॉ बेटी…..
दिन हर दिन बदला जाए,
फिर वक़्त बदल ही जाए..
वो रोटी मुझे बनाए…
बेटी…हॉ बेटी….
फिर सजके बारात एक दिन,
उसको लेने आए…
और करके आँखे फिर नम,
वो दूर चली ही जए..
बेटी.. हॉ बेटी…
फिर शाम को घर जब आऊँ,
मेरी आहट उसे बुलाए..
मेरी नज़र ढूंढ न पाए,
बेटी.. हॉ बेटी….

((((( ज़ैद बलियावी)))))

1 Like · 1360 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
दोस्ती में लोग एक दूसरे की जी जान से मदद करते हैं
दोस्ती में लोग एक दूसरे की जी जान से मदद करते हैं
ruby kumari
कविता
कविता
Shiva Awasthi
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-139 शब्द-दांद
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता-139 शब्द-दांद
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
सूर्य के ताप सी नित जले जिंदगी ।
सूर्य के ताप सी नित जले जिंदगी ।
Arvind trivedi
ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ !
ये प्यार की है बातें, सुनलों जरा सुनाउँ !
DrLakshman Jha Parimal
#शेर-
#शेर-
*Author प्रणय प्रभात*
मौन मुसाफ़िर उड़ चला,
मौन मुसाफ़िर उड़ चला,
sushil sarna
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
तुम्ही बताओ आज सभासद है ये प्रशन महान
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
जीवन से पहले या जीवन के बाद
जीवन से पहले या जीवन के बाद
Mamta Singh Devaa
"प्रार्थना"
Dr. Kishan tandon kranti
रिस्ता मवाद है
रिस्ता मवाद है
Dr fauzia Naseem shad
" खामोश आंसू "
Aarti sirsat
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Dheerja Sharma
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
*मनु-शतरूपा ने वर पाया (चौपाइयॉं)*
Ravi Prakash
विध्वंस का शैतान
विध्वंस का शैतान
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
चाँद सी चंचल चेहरा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
मन चाहे कुछ कहना....!
मन चाहे कुछ कहना....!
Kanchan Khanna
दुआ कबूल नहीं हुई है दर बदलते हुए
दुआ कबूल नहीं हुई है दर बदलते हुए
कवि दीपक बवेजा
जन्माष्टमी
जन्माष्टमी
लक्ष्मी सिंह
रात स्वप्न में दादी आई।
रात स्वप्न में दादी आई।
Vedha Singh
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूर्वार्थ
वो ओस की बूंदे और यादें
वो ओस की बूंदे और यादें
Neeraj Agarwal
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
पिया की प्रतीक्षा में जगती रही
Ram Krishan Rastogi
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Sukoon
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
दया के सागरः लोककवि रामचरन गुप्त +रमेशराज
कवि रमेशराज
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
वक्त आने पर भ्रम टूट ही जाता है कि कितने अपने साथ है कितने न
Ranjeet kumar patre
मार   बेरोजगारी   की   सहते  रहे
मार बेरोजगारी की सहते रहे
अभिनव अदम्य
23/38.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/38.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मंत्र की ताकत
मंत्र की ताकत
Rakesh Bahanwal
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
यह तुम्हारी नफरत ही दुश्मन है तुम्हारी
gurudeenverma198
Loading...