Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Aug 2017 · 1 min read

प्रेम पत्र

प्रिय लिख रहा पाती तुमको,
इत्रों से महकाया इस को,
अक्षर अक्षर प्रेम निहित है,
पाती में भावना विहित है,
सब अश्रु अब मसी हुये हैं,
हाथ ही मेरे कलम बने हैं,
रूप तुम्हारा लिपिबद्ध किया है,
सुन कपोत स्तब्ध हुआ है,
कुशल तुम्हारी पूछ रहा हूं,
पुष्प प्रेम का भेज रहा हूं,
भाव हृदय के न तोल रहा हूं,
झूट कि खुश हूं बोल रहा हूं,
तुम पाती तुम अक्षर-अक्षर,
सिर्फ तुम्हारा प्रेमी प्रियवर,
पुष्प ठाकुर

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 274 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
पत्रकार
पत्रकार
Kanchan Khanna
■ इस बार 59 दिन का सावन
■ इस बार 59 दिन का सावन
*Author प्रणय प्रभात*
अंधभक्ति
अंधभक्ति
मनोज कर्ण
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी किरदार है
जिंदगी के रंगमंच में हम सभी किरदार है
Neeraj Agarwal
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
प्यार करोगे तो तकलीफ मिलेगी
Harminder Kaur
Ab maine likhna band kar diya h,
Ab maine likhna band kar diya h,
Sakshi Tripathi
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
सोचना नहीं कि तुमको भूल गया मैं
gurudeenverma198
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
चुना था हमने जिसे देश के विकास खातिर
Manoj Mahato
मान बुजुर्गों की भी बातें
मान बुजुर्गों की भी बातें
Chunnu Lal Gupta
सजाया जायेगा तुझे
सजाया जायेगा तुझे
Vishal babu (vishu)
"न टूटो न रुठो"
Yogendra Chaturwedi
समय आया है पितृपक्ष का, पुण्य स्मरण कर लें।
समय आया है पितृपक्ष का, पुण्य स्मरण कर लें।
surenderpal vaidya
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
रफ़्ता -रफ़्ता पलटिए पन्ने तार्रुफ़ के,
ओसमणी साहू 'ओश'
💐प्रेम कौतुक-207💐
💐प्रेम कौतुक-207💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
आओ चलें नर्मदा तीरे
आओ चलें नर्मदा तीरे
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
इंसानियत
इंसानियत
साहित्य गौरव
"कुछ रास्ते"
Dr. Kishan tandon kranti
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
वहाँ से पानी की एक बूँद भी न निकली,
शेखर सिंह
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
श्रीराम अयोध्या में पुनर्स्थापित हो रहे हैं, क्या खोई हुई मर
Sanjay ' शून्य'
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
🌲दिखाता हूँ मैं🌲
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Whenever things got rough, instinct led me to head home,
Manisha Manjari
वीर सैनिक (बाल कविता)
वीर सैनिक (बाल कविता)
Ravi Prakash
पूछी मैंने साँझ से,
पूछी मैंने साँझ से,
sushil sarna
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
ہر طرف رنج ہے، آلام ہے، تنہائی ہے
अरशद रसूल बदायूंनी
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
चंद ख्वाब मेरी आँखों के, चंद तसव्वुर तेरे हों।
Shiva Awasthi
दो जून की रोटी
दो जून की रोटी
Ram Krishan Rastogi
आ ख़्वाब बन के आजा
आ ख़्वाब बन के आजा
Dr fauzia Naseem shad
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
अगर तूँ यूँहीं बस डरती रहेगी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
****🙏🏻आह्वान🙏🏻****
****🙏🏻आह्वान🙏🏻****
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...