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20 Aug 2017 · 1 min read

प्रकृति

उफ ये बारिश
रुकने का नाम
कमबख्त नही लेता,
न जाने कितने दिनो से
लोग घर से बाहर
या बाहर शिविर से
घर आ या जा
नही कर पा रहे,
चारो तरफ हाहाकार
पानी ही पानी
फिर भी एक बुन्द
पानी के लिए
तरस रहे है आदमी,
शायद प्रकृति हमसे
रुठ गई है,या
उसकी भी अंतरात्मा
मर गई है,तभी तो
चुप्पी साधे बैठी है
अनगिनत जीव की
मौत होने के बावजूद ।

Language: Hindi
445 Views
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